मंकीपाॅक्स को लेकर सरकार की गंभीरता जरूरी

नई दिल्‍ली। एक ओर जहां भारत सहित विश्व के अनेक देशों में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैंवहीं मंकीपाॅक्स एक बार फिर गम्भीर खतरा बनकर उभरा है और महामारी का रूप लेता जा रहा है। विश्व के 78 देश इसकी चपेट में आ गए हैं। भारत में भी इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। भारत में केरल से शुरू हुआ खतरा अब दिल्ली तक पहुंच गया है।

हालांकि भारत में इसके अभी चार मामले ही सामने आये हैं, लेकिन इससे एक व्यक्ति की मौत ने चिन्ता बढ़ा दी है। मंकीपाॅक्स पुरानी बीमारी की वापसी है। लगभग 50 वर्ष पूर्व मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के 12 देशों में महामारी के रूप में फैला था। मंकीपाॅक्स कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी नहीं है फिर इसके फैलाव को देखते हुए सतर्कता और बचाव के उपाय बहुत आवश्यक है।

विश्व में 18 हजार से ज्यादा मामले सामने आने से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे पहले ही स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। केन्द्र सरकार ने भी संक्रमण की गम्भीरता को देखते हुए इस पर निगरानी रखने और इसकी रोकथाम के लिए टास्कफोर्स का गठन किया है और अस्पतालों में मंकीपाॅक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है।

यह वायरस जानवरों के जरिये मानवों में आता है और इसके अधिकतर लक्षण चेचक जैसे होते हैं और यह एक-दूसरे से सम्पर्क से फैलता है। फिलहाल उपलब्ध डाटा और पिछले अनुभव के आधार पर जो उपाय सुझाए गए हैं उस पर अमल करना आवश्यक है। मंकीपाॅक्स के संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच केन्द्रों के विस्तार के साथ दवा और टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए और इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। सतर्कता और बचाव से ही इस गम्भीर खतरे से निबटा जा सकता है।

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