योग। शरीर के बेहतर विकास से लेकर सही ढंग से काम करते रहने और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में हार्मोन्स की विशेष भूमिका होती है। इनमें होने वाला असंतुलन हमारी सेहत को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। विशेष रूप से तनाव और इससे संबंधित विकार जैसे चिंता, अवसाद आदि बढ़ने के लिए हार्मोन असंतुलन को प्रमुख कारण माना जाता है।
लंबे समय तक शरीर में बने रहने वाले हार्मोन असंतुलन की समस्या का सेहत पर गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकता है। इन समस्याओं से बचे रहने के लिए जीवनशैली और आहार पर विशेष ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। योग आसनों के नियमित अभ्यास की आदत इसमें आपके लिए काफी मददगार हो सकती है।
योग हमारी सांसों को बेहतर रखने के साथ और ध्यान को केंद्रित करके दिमाग को स्वस्थ रखने में विशेष भूमिका निभाते हैं। कुछ शोध इस तरफ भी संकेत देते हैं कि नियमित रूप से योगाभ्यास की आदत बनाकर हार्मोन असंतुलन के कारण होने वाली समस्याओं को भी कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इसके लिए किन योगासनों के अभ्यास की आदत बनानी चाहिए?
शलभासन योग:-
शलभासन योग के नियमित अभ्यास की आदत हार्मोन असंतुलन की समस्या को सुधारने में काफी मददगार हो सकती है। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण पीसीओएस की समस्याओं का जोखिम काफी अधिक होता है।
शोध के अनुसार, इस योग के नियमित अभ्यास की आदत आपके लिए विशेष लाभप्रद हो सकती है। हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के साथ यह आसन पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करके, पेट की मांसपेशियों को टोन करने और गर्भाशय तथा अंडाशय की समस्याओं में काफी फायदेमंद हो सकता है।
भुजंगासन योग:-
हार्मोनल असंतुलन की समस्या में नियमित रूप से भुजंगासन योग या कोबरा पोज का अभ्यास करना भी विशेष लाभप्रद माना जाता है। यह योगासन थायराइड फंक्शन में सुधार करने में भी मदद करता है। पीठ और कमर दर्द की समस्याओं के साथ फ्रोजन शोल्डर और छाती की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए भी भुजंगासन योग के नियमित अभ्यास की आदत आपके लिए सहायक हो सकती है।
उष्ट्रासन या कैमल पोज:-
कैमल पोज का नियमित अभ्यास महिलाओं की सेहत में सुधार करने में काफी कारगर अभ्यास माना जाता है। यह हार्मोनल असंतुलन को ठीक करके अनियमित मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में आपकी मदद करने वाला योगाभ्यास है। जिन लोगों को कमर और पैरों की मांसपेशियों की समस्या होती है, उनके लिए भी रोजाना इस योग का अभ्यास करना विशेष लाभप्रद हो सकता है।