अगर बच्चा आपकी बातों को करता हैं इग्नोर तो इन बातों का रखें ध्या‍न

पैरेंटिंग। कई पैरेंट्स की ये शिकायत होती है कि उनके बच्‍चे बात नहीं मानते और उनकी सिखाई बातों को इग्‍नोर कर‍ते हैं। यही नहीं, कई बच्‍चे तो पैरेंट्स के सामने जानबूझकर ऐसा काम करते हैं, जो उनके पैरेंट्स को पसंद न हो और हमेशा मना करते हैं। ऐसे हालात में पैरेंट्स को गुस्‍सा आना स्‍वाभाविक होता है। बच्‍चों की ऐसी हरकतों पर कई पैरेंट्स हाथ तक उठा देते हैं, जिससे बात और बिगड़ जाती है।  ऐसे हालात पर कंट्रोल करने के लिए क्‍या तरीका अपनाना चाहिए, बच्‍चा क्‍यों इग्‍नोर कर रहा है इसकी क्‍या वजह है? तो आइए इसके बारे में जानते है।

इग्‍नोर करने की वजह

-बच्‍चों को पैरेंट्स की बातों को इग्‍नोर करने पर पावर और कंट्रोल जैसी भावनाएं महसूस होती हैं।
-वे आपकी बताई बातों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं या उन्‍हें नहीं पता होता कि क्‍या सही मायने में करने कहा गया है।
-अगर उन्‍हें किसी फेवरेट चीज को करने की हड़बड़ी रहती है तो वे बात को इग्‍नोर कर जाते हैं।
-जब वह माता-पिता से कनेक्‍टेड महसूस नहीं कर पाते तो भी वे ऐसा करते हैं।
-जब माता-पिता उनसे कुछ ज्‍यादा की उम्‍मीद बना लेते हैं तो भी वे ऐसा करते हैं।
-जब बच्‍चों को अपने माता-पिता से कुछ ज्‍यादा की उम्‍मीद होती है और माता-पिता उम्‍मीदों पर खरे नहीं उतरते।
-वो जो चाहते हैं उसे अच्‍छी तरह से बताने में खुद को सक्षम नहीं समझ पाते।

बच्‍चे करें इग्‍नोर तो करें ये काम

-बच्‍चों को कुछ सिखाएं तो यह जरूर बताएं कि उन्‍हें आखिर ये बातें क्‍यों सिखाई जा रही है। इससे उन्‍हें बातों का महत्‍व पता चल जाएगा।

-आप इस बात का ध्‍यान रखें कि आपने उन्‍हें सही तरीके से समझाया है या नहीं। आप उन्‍हें एक बार में बहुत सारे इंस्‍ट्रक्‍शन देने की बजाय एक एक कर बताएं। जैसे बेटा, प्‍लीज अपना बेड ठीक कर लो, अपने खिलौने को बैग में डाल लो आदि।

-बच्‍चों को जब कुछ बताएं तो इस बात पर ध्‍यान दें कि कहीं कोई डिस्‍ट्रैक्‍शन तो नहीं। मसलन टीवी तो नहीं ऑन है, म्‍यूजिक तेज तो नहीं, कोई परिवार का सदस्‍य तो उन्‍हें नहीं बुला रहा आदि।

-कई बार माता-पिता को यह भी सोचना बहुत जरूरी होता है कि आपका बच्‍चा आपसे क्‍या चाहता है और आपसे क्‍या उम्‍मीद रखता है।

-आप उन्‍हें कॉम्‍यूनिकेट करने के लिए मोटिवेट करें। मसलन, आप उन्‍हें बताएं कि अगर कुछ समझ ना आए तो पूछ सकते हैं, अभी करने का मन ना हो तो ये भी अच्‍छे मैनर के साथ बता सकते हैं आदि।

-अगर आप एक ही बात बार बार करने के लिए बोले जा रहे हैं तो ये उनके लिए फ्रस्‍ट्रेटिंग हो सकता है। बेहतर होगा कि आप उसे बोलें कि चलो मैं भी इस काम में तुम्‍हें मदद कर देता हूं।  

 

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