इन दो तरीकों को प्रयोग में लाकर डायबिटीज को कर सकते हैं नियंत्रित: विशेषज्ञ

नई दिल्ली। डायबिटीज दुनियाभर में तेजी से बढ़ने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज की समस्या कई रोगों का भी कारण बन सकती है। यही वजह है कि सभी लोगों को ऐसे उपाय करने की सलाह दी जाती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने न पाए। भारत के संदर्भ में बात करें तो पिछले कुछ दशकों में यहां डायबिटीज रोगियों के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंता जता चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज में शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाता है या अग्न्याशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। ब्लड शुगर का बहुत अधिक बढ़ जाना शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक जीवनशैली और खान-पान की आदतों में यदि सुधार कर लिया जाए तो डायबिटीज के गंभीर खतरे से बचा जा सकता है। समय रहते डायबिटीज के लक्षणों की पहचान करके इसको कम करने वाले उपाय शुरू कर देना चाहिए जिससे शरीर को गंभीर समस्याओं से सुरक्षित रखा जा सके। विशेषज्ञों के मुताबिक शुगर बहुत बढ़ जाने से किडनी, आंख, हृदय जैसे अंगों को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। डायबिटीज के लक्षणों को पहचानिए:- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज के कारण होने वाली समस्याओं से बचे रहने के लिए आवश्यक है कि समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर उसे नियंत्रित करने के उपाय शुरू कर दिए जाएं। जिन लोगों का ब्लड शुगर स्तर बहुत अधिक हो जाता है उन्हें इसे नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन देने की आवश्यकता होती है। सामान्यतौर पर डायबिटीज के कारण लोगों को ऐसी दिक्कतें हो सकती हैं, जिसका समय पर पहचान जरूरी होता है। सामान्य से अधिक बार पेशाब जाना, शरीर में थकावट बनी रहना, घावों का आसानी से न भरना, धुंधला दिखाई देना, तेजी से वजन घटाने की समस्या। नींद जरूर पूरी करें:- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए पौष्टिक भोजन और नियमित व्यायाम के साथ रोजाना नींद पूरी करना आवश्यक होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि रात में अच्छी नींद पूरी न होने से इंसुलिन संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है। जो लोग रोजाना 6-8 घंटे की नींद पूरी नहीं कर पाते हैं उन्हें अन्य लोगों की तुलना में डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।

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