J&K Article 370: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 (J&K Article 370) को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी 11 दिसबंर को फैसला सुना रही है. देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ अपना फैसला सुना रही है.
सुप्रीम कोर्ट में आज सुबह 11 बजे ही इस मामले में फैसला पढ़ना शुरू किया गया. इस पीठ में सीजेआई के अलावा, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत हैं. मालूम हो कि सितंबर माह में लगातार 16 दिनों तक सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
J&K Article 370: केंद्र के हर फैसले को चुनौती नहीं दे सकते
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र की तरफ से राज्य के लिए किए हर फैसले को चुनौती नहीं दे सकते हैं. पांच जजों के तीन अलग-अलग फैसले हैं. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं का यह तर्क कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य में अपरिवर्तनीय परिणामों के लिए कार्रवाई नहीं कर सकती, स्वीकार्य नहीं है.
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अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जब राजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, तभी जम्म-कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गई. वह भारत के अंतर्गत हो गया. साफ है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर के संविधान से ऊंचा है. कश्मीर अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है. यानी भारत के संविधान से जम्मू कश्मीर चलेगा. कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त होने की अधिसूचना जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है.
J&K Article 370: बरकरार रहेगा केंद्र सरकार का फैसला
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति के लिए यह जरूरी नहीं था कि वह जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सिफारिश के बाद ही 370 पर कोई आदेश जारी करें. अनुच्छेद 370 को बेअसर कर नई व्यवस्था से जम्मू-कश्मीर को बाकी भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार का पांच अगस्त 2019 का फैसला बरकार रहेगा. इसे नहीं बदला जाएगा. कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक रूप से वैध है. इस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार की तरफ से उठाया गया फैसला बिल्कुल सही था.
J&K Article 370: जम्मू कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव हो
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकारको निर्देश देते हुए कहा कि नए परिसीमन के आधार पर जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव करवाएं जाएं. अदालत ने ये भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा दिया जाए.
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को 2019 में एक संविधान पीठ को भेजा गया था. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के चलते पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था.
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