जानें इस वर्ष कब से लग रहा है खरमास…

धर्म। हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। कहते हैं कि चतुर्मास की तरह खरमास के माह में भी कोई मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते। ग्रहों के राजा सूर्य देव हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। इस तरह वर्ष के 12 महीने में 12 राशियों में सूर्य का गोचर होता है। शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लगता है। इस वर्ष 15 दिसंबर 2022 को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं और 14 जनवरी 2023 तक इसी राशि में रहेंगे। इसे खरमास की अवधि मानी जाएगी। इसके बाद जब 14 जनवरी 2023 को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे और फिर 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इसके बाद फिर से शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, खरमास के दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में…

खरमास में क्‍या न करें :-

  • खरमास के दौरान, मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इसलिए इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य न करें।
  • खरमास में बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए।
  • खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कारों के अलावा खरमास में नया वाहन, घर, प्लाट, रत्न-आभूषण और वस्त्र आदि नहीं खरीदना चाहिए।
  • इस दौरान गाजर, मूली, तेल, चावल, तिल, बथुआ, मूंग, सोंठ और आंवला का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • खरमास की अवधि के दौरान तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इस समय लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

खरमास में इन नियमों का रखें ध्यान :-

  • खरमास में सूर्य उपासना का बहुत महत्व होता है, इस दौरान प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
  • खरमास के दौरान चारपाई और पलंग का त्याग कर भूमि पर बिस्तर लगाकर सोना चाहिए।
  • खरमास की अवधि में थाली की बजाए पत्तल में भोजन करना उत्तम रहता है।
  • ये माह आराधना और जप, उपवास आदि के लिए शुभ माना जाता है।
  • अपने में पूरी तरह से शुद्धता बनाए रखें, मन में किसी के प्रति बुरी भावना लाने से बचें।
  • खरमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करना भी बेहद शुभ रहता है।
  • इसके अलावा खरमास में नियमित रूप से तुलसी पूजन भी करना चाहिए।

 

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