Lakshadweep aircraft operation: मालदीव के टिप्पणी के बाद से ही पूरे भारत के लोगों लक्षद्वीप को पर्यटन के मामले में बढ़वा देने में जुटे हुए है. ऐसे में भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है. दरअसल, लक्षद्वीप (Lakshadweep) को भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के लिए केंद्र सरकार अब प्रयास में जुट गई है. इसी दौरान भारत अब वहां मिनिकॉय द्वीप समूह में एक नया एयरपोर्ट विकसित करने की योजना बना रहा है, जो वाणिज्यिक विमानों के साथ ही लड़ाकू जेट समेत सैन्य विमानों को संचालित करने में सक्षम होगा.
Lakshadweep: पहले भी भेजे गए थे प्रस्ताव
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पहले भी मिनिकॉय द्वीप समूह में इस नए हवाई क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजे गए हैं. संयुक्त उपयोग वाले रक्षा हवाई क्षेत्र की इस योजना को हाल के दिनों में दोबारा प्रारंभ किया गया है और अब इसकी प्रगति की और भी बढ़ा दिया गया है.
महासागरों पर रखा जा सकेगा नजर
वहीं, यदि सैन्य दृष्टिकोण से देखें तो यह हवाई क्षेत्र भारत को एक मजबूत क्षमता प्रदान करेगा, क्योंकि इसका उपयोग अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र पर भी नजर रखने के लिए किया जा सकता है. वहीं, भारतीय तटरक्षक, रक्षा मंत्रालय के अधीन पहला बल था, जिसने मिनिकॉय द्वीप समूह में हवाई पट्टी के विकास का सुझाव दिया था.
Lakshadweep: एयरफोर्स को मिलेगी सुविधा
हालांकि वर्तमान प्रस्ताव के अनुसार, भारतीय वायु सेना मिनिकॉय से ऑपरेशन चलाने में अग्रणी होगी.वहीं, मिनिकॉय का हवाई अड्डा रक्षा बलों को अरब सागर में अपने निगरानी क्षेत्र का विस्तार करने की क्षमता भी देगा. इसके साथ ही मिनिकॉय में हवाई अड्डा क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. बता दें कि इस समय द्वीप क्षेत्र में सिर्फ एक हवाई पट्टी है, जो अगत्ती में है और यहां हर तरह के विमानों की लैंडिंग नहीं हो सकती है.
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