नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल शनिवार को देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के विनिवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में बदलाव के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। वित्त मंत्रालय से परामर्श करने के बाद उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने प्रस्ताव रखा है।
मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट के तहत 74 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि ये नियम एलआईसी पर लागू नहीं होते हैं, जिसे एक अलग एलआईसी अधिनियम के माध्यम से प्रशासित किया जाता है।