जम्मू कश्मीर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुहर्रम के 10वें दिन आशूरा के मौके पर कर्बला के शहीदों के बलिदान को याद किया। अपने संदेश में एलजी मनोज सिन्हा ने कहा, ‘हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत ने मानवता को न्याय, मूल्यों और धार्मिकता के लिए प्रयास करने के लिए निर्देशित किया है।’ एलजी सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की और लोगों से जरूरतमंदों और वंचितों के लिए काम करने का आग्रह किया।
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है। मुहर्रम इस्लाम के नए साल या हिजरी सन् का शुरुआती महीना है। मुहर्रम बकरीद के पर्व के 20 दिनों के बाद मनाया जाता है। इस बार मुहर्रम का महीना 31 जुलाई से शुरू हुआ है। ऐसे में 8 या 9 अगस्त को आशूरा या मुहर्रम मनाया जा रहा है।
इस्लाम धर्म के लोगों के लिए यह महीना बहुत अहम होता है, क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। उनकी शहादत की याद में मुहर्रम के महीने के दसवें दिन को लोग मातम के तौर पर मनाते हैं, जिसे आशूरा भी कहा जाता है।