लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में 21 राज्यों में पहले स्थान पर है गुजरात…

नई दिल्‍ली। लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में उत्तर प्रदेश ने लंबी छलांग (सात अंक) लगाई है। यूपी अब 13वें से छठे स्थान पर आ गया है। इस फेहरिस्त में गुजरात की बादशाहत बरकरार है। गुजरात 21 राज्यों की सूची में पहले स्थान है। उसके बाद क्रमश: हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है। लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जरूरी लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता का संकेतक है। सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक संबंधी प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए जरूरी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सोमवार को जारी लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) 2021 रिपोर्ट, समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करेगी। समग्र सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित है। सर्वेक्षण मई-अगस्त 2021 के दौरान आयोजित किया गया था। पूरी प्रक्रिया में देशभर के 1405 लोगों से 3771 प्रतिक्रियाएं मिलीं। इस बार शीर्ष 10 की सूची में उत्तर प्रदेश छठे, ओडिशा सातवें, कर्नाटक आठवें, आंध्र प्रदेश नौवें और तेलंगाना 10 वें स्थान पर है। वहीं पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम क्रमश: 15वें, 16वें, 17वें, 18वें, 19वें, 20वें और 21वें स्थान पर हैं। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में, जम्मू-कश्मीर सूची में सबसे ऊपर है। वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में दिल्ली को शीर्ष स्थान मिला है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में जो चीजें रखी गई हैं उनसे अगले पांच साल में लॉजिस्टिक लागत को पांच प्रतिशत तक कम करने का रास्ता साफ हो सकता है। अनुमान के मुताबिक, इस समय लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 13-14 प्रतिशत है। गोयल ने कहा कि कारोबार क्षेत्रों के साथ-साथ नागरिकों के लिए सुगमता और सशक्तीकरण के लिहाज से लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता महत्व रखती है। बता दें कि पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट 2018 में जारी की गई थी। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण रैंकिंग जारी नहीं की गई थी। गुजरात 2018 और 2019 दोनों ही वर्ष रैंकिंग सूची में पहले स्थान पर था।

नई दिल्‍ली। लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में उत्तर प्रदेश ने लंबी छलांग (सात अंक) लगाई है। यूपी अब 13वें से छठे स्थान पर आ गया है। इस फेहरिस्त में गुजरात की बादशाहत बरकरार है। गुजरात 21 राज्यों की सूची में पहले स्थान है। उसके बाद क्रमश: हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है। लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जरूरी लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता का संकेतक है। सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक संबंधी प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए जरूरी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सोमवार को जारी लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) 2021 रिपोर्ट, समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करेगी। समग्र सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित है। सर्वेक्षण मई-अगस्त 2021 के दौरान आयोजित किया गया था। पूरी प्रक्रिया में देशभर के 1405 लोगों से 3771 प्रतिक्रियाएं मिलीं। इस बार शीर्ष 10 की सूची में उत्तर प्रदेश छठे, ओडिशा सातवें, कर्नाटक आठवें, आंध्र प्रदेश नौवें और तेलंगाना 10 वें स्थान पर है। वहीं पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम क्रमश: 15वें, 16वें, 17वें, 18वें, 19वें, 20वें और 21वें स्थान पर हैं। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में, जम्मू-कश्मीर सूची में सबसे ऊपर है। वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में दिल्ली को शीर्ष स्थान मिला है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में जो चीजें रखी गई हैं उनसे अगले पांच साल में लॉजिस्टिक लागत को पांच प्रतिशत तक कम करने का रास्ता साफ हो सकता है। अनुमान के मुताबिक, इस समय लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 13-14 प्रतिशत है। गोयल ने कहा कि कारोबार क्षेत्रों के साथ-साथ नागरिकों के लिए सुगमता और सशक्तीकरण के लिहाज से लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता महत्व रखती है। बता दें कि पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट 2018 में जारी की गई थी। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण रैंकिंग जारी नहीं की गई थी। गुजरात 2018 और 2019 दोनों ही वर्ष रैंकिंग सूची में पहले स्थान पर था।

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