मणिपुर हिंसा: कोबरा कंमाडो की गोली मारकर हत्या

इंफाल।  मणिपुर बीते कुछ दिन से  लगातार हिंसा हो रही है। इसी बीच हमलावरों ने शुक्रवार दोपहर में एक कोबरा कमांडो की गोली मारकर हत्या कर दी, जिसके बाद से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। बताया जा रहा है कि कई जवान छुट्टी के बाद मणिपुर में वापस आ रहे हैं। CRPF  ने छुट्टी पर गए जवानों की सुरक्षा को देखते हुए परिवार के साथ नजदीकी कैंप में पहुंचने को कहा है। वहीं एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, CRPF ने सभी इकाइयों, विंगों और सेक्टरों को मणिपुर से आने वाले जवानों से संपर्क करने के लिए कहा है।

बता दें कि यह निर्देश CRPF के एक कोबरा कमांडो की मौत के बाद आया है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को चुराचंदपुर जिले में सशस्त्र हमलावरों द्वारा उन्हें गोली मार दी गई थी। कार्रवाई के लिए कमांडो बटालियन CRPF की एक विशेष गुरिल्ला युद्धक कमांडो इकाई है और सबसे मजबूत और शारीरिक रूप से फिट कर्मी इसके रैंक में शामिल हो सकते हैं।  इसकी 10 बटालियनों में से अधिकांश छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए तैनात हैं, इसके अलावा कुछ इकाइयों को देश के पूर्वोत्तर भाग में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए काम सौंपा गया है।

पुलिस ने कहा कि टोरबुंग में मार्च के दौरान,एक सशस्त्र भीड़ ने मेइती समुदाय के लोगों पर कथित तौर पर हमला किया,जिसके कारण घाटी के जिलों में जवाबी हमले हुए,जिससे पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई। मैतेई आबादी का लगभग 53% हिस्सा है और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी,जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं,आबादी का 40% हिस्सा हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं जो घाटी को घेरते हैं। इंफाल घाटी में शुक्रवार छिटपुट झड़पें हुईं। भारतीय सेना को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च का आदेश भी मिला हैं,इसलिए स्थिति अब काबू में दिखाई दे रही है।

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