मर्यादा पुरुषोत्तम ने समाज से भेदभाव को समाप्त करने का दिया संदेश…

उत्तराखंड। दशहरे के पावन पर्व पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण को खत्म कर विजय का परचम लहराया। उत्तराखंड में कोरोना काल में एक साल बाद बिना पाबंदी के मनाए गए विजयदशमी पर्व का उल्लास देखते ही बन रहा था। रावण का वद्ध होते ही चारों ओर शंख ध्वनि गूंज उठी। धू-धू कर रावण और मेघनाथ के पुतले जल उठे। रावण दहन देखने पहुंचे लोगों ने एक-दूसरे को दशहरे की शुभकामनाएं दी। आतिशबाजी देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे। वहीं, बच्चों ने खेल खिलौने खरीदे और स्वादिष्ट वयंजनों का लुत्फ उठाया। वहीं राजधानी दून में धूमधाम से मनाया गया। शहर में विभिन्न जगहों पर पुतला दहन और लंका दहन का भव्य नजारा देखने को मिला। रावण दहन से पहले शोभायात्रा निकाली गई। विजयदशमी पर शाम होते ही दशानन का अहंकार भी जलकर राख हो गया। लक्ष्मण चौक वेलफेयर सोसाइटी की ओर से हिंदू नेशनल इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम ने समाज से भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने रावण के 65 फीट ऊंचे पुतले का दहन भी किया। पुतले पर आग लगते ही प्रभु राम के जयकारों से परिसर गूंज उठा एवं आतिशबाजी से आसमान जगमागा गया। वहीं, दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी की ओर से 74वीं विजयदशमी मनाई गई। सनातन धर्म इंटर कॉलेज (बन्नू स्कूल) के परिसर में 45 फीट ऊंचे रावण के पुतले और लंका का दहन किया गया। आयोजकों ने सभी से कोविड गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है। बन्नू स्कूल परिसर, हिंदू नेशनल स्कूल परिसर और प्रेमनगर के दशहरा ग्राउंड पर शाम छह से सात बजे के बीच लंका दहन और रावण, मेघनाद, कुंभकरण के पुतले जलाए गए। दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी ने इस साल 74वां विजयदशमी पर्व मनाया। 40 से 45 फीट ऊंचा रावण का पुतला और लंका का दहन सनातन धर्म इंटर कॉलेज (बन्नू स्कूल) के परिसर में किया गया। दशहरा कमेटी के अध्यक्ष संतोख सिंह नागपाल ने बताया कि इस वर्ष कोरोना गाइडलाइन के अनुसार आयोजन किया गया। हरिद्वार के जिला कारागार रोशनाबाद में भी रावण दहन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश समेत जिला जेल अधीक्षक मनोज आर्य व अन्य लोग मौजूद रहे। श्री रामलीला कमेटी रुद्रपुर के तत्वावधान में गांधी पार्क में रावण दहन हुआ। इस दौरान रावण के साथ मेघनाद और कुंभकरण के पुतले का दहन भी किया गया। रावण दहन देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

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