रंगो की मदद से भी किया जाता है मेडिटेशन…

लाइफ स्टाइल। बचपन में ड्राइंग्स बनाना और उसमें रंग भरना हर किसी को पसंद होता है। क्या आप जानते हैं कि ये रंग भरना भी एक मेडिटेशन हो सकता है। रंग मेडिटेशन करने का एक बेहतरीन तरीका हो सकते हैं। मेडिटेशन ज्यादा कुछ नहीं है, ये बस एक तरीका है, जिसमें मन को सारे विचारों, परेशानियों और टेंशन से फ्री कर शांति से एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। मेडिटेशन तब होता है जब अपने पास्ट और फ्यूचर को भुलाकर माइंड बस वर्तमान के बारे में सोचता है।

ज़रूरी नहीं की मेडिटेशन अकेले बैठकर ध्यान करने से ही हो। हर वो काम जिसे पूरे मन और ध्यान से किया जाता है वो मेडिटेशन जैसे ही फायदे दे सकता है। रंगों से मेडिटेशन करना आज के समय में किफायती और कारगर दोनों है। आइए जानते हैं कलरिंग मेडिटेशन के फायदों के बारे में-

कलरिंग मेडिटेशन के फायदे :-

कलर भरते समय ब्रेन के राइट और लेफ्ट दोनों साइड्स एक्टिव होते हैं। क्रिएटिव थिंकिंग और डिसीजन मेकिंग एक साथ होती है, जिससे ब्रेन का विकास होता है और मेंटल हेल्थ इम्प्रूव होती है।

एक जगह पर बैठकर आंख बन्द करना और अपनी सांसों पर ध्यान लगाने से ज्यादा आसान है एंजॉय करते-करते कलर भरकर मेडिटेशन करना। ये शांति के साथ ही खुशी और संतुष्टि भी देता है। एक कलर आर्ट पूरा करने के बाद जीत जैसी खुशी होती है, जिससे साइकोलॉजिकल फायदा होता है।

स्ट्रेस कम करने में भी ये मेडिटेशन मदद करती है। कलर भरते समय माइंड का पूरा फोकस दूसरी चिंताओं से दूर रंग भरने पर रहता है, ऐसे में बॉडी से स्ट्रेस रिलीज़ हो जाता है और बॉडी हील होती है।

बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति की लाइफ में प्रॉब्लम्स भी बढ़ने लगती हैं और उम्र के साथ ही बचपन वाली क्रिएटिविटी खो जाती है। कलरिंग से मेडिटेशन तो होता ही है, साथ में क्रिएटिव स्किल्स भी बढ़ती हैं और दोबारा बच्चा बनकर बचपन जीने का मौका मिलता है।

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