देश-दुनिया। प्रकृति का भारी प्रकोप के कारण अफ्रीकी देश कॉन्गो इस समय काफी संकटो से जुझ रहा है। बता दें कि कांगो में पिछले दो दिनों से लगातार जारी भारी बारिश और भूस्खलन से बाढ़ आ गई और इस बाढ़ के चपेट में आने से अब तक 175 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं बड़ी संख्या में लोग लापता हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी कॉन्गो के साउथ किवु प्रांत में एक नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से बाढ़ आई।
बचाव कार्यों में हो रही परेशानी
वही बाढ़ के बाद बचाव अभियान जारी है, लेकिन इसमें बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बचाव कर्मियों का कहना है कि बाढ़ के बाद जगह जगह की जमीन धंस गई है और मिट्टी गीली है, जिसकी कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। कॉन्गो का कालेहे इलाका बाढ़ में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। न्यामुकुबी गांव में सैंकड़ों घर बाढ़ से तबाह हो गए हैं। इनमें स्कूल और अस्पताल भी शामिल हैं।
तेजी से गांवों में घुसा नदी का पानी
बता दें कि अधिकारियों ने बताया कि कालेहे इलाके में लेक किवु नामक नदी बहती है, जो भारी बारिश होने के कारण गांव में नदी का बनाया हुआ किनारा बह गया, जिससे नदी का पानी तेजी से गांवों में घुसा और अपने साथ सबकुछ बहाकर ले गया। वही ग्रमीण लोगों का कहना है कि यह सब इतनी तेजी से हुआ कि उन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिला। प्रभावित इलाकों में सड़कों रास्तों के तबाह होने से भी बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। बाढ़ के मलबे में लोगों के शव तलाशे जा रहे हैं। बाढ़ में कई पूरे परिवार खत्म हो गए हैं।
वहीं पिछले कुछ वर्षो में पूर्वी अफ्रीका, यूगांडा और केन्या में भारी बारिश की घटनाएं आम होती जा रही हैं। इसी हफ्ते कॉन्गो के पड़ोसी देश रवांडा में भी बाढ़ में 129 लोगों की मौत हो गई थी। बता दें कि जिस नदी से अब बाढ़ आई है, उसमें इससे पहले भी तीन बार बाढ़ आ चुकी है, जिसमें सैकड़ो जिंदगियां समाप्त हो चुकी है।