उत्तराखंड। उत्तराखंड में 20 दिनों में 57 हजार से अधिक यात्री बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ में सबसे अधिक 20 हजार यात्रियों ने दर्शन किए हैं। नवरात्रि में चारों धामों में तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। चारधाम पर रोक हटने के बाद हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश पर 18 सितंबर 2021 से चारधाम यात्रा का संचालन शुरू किया गया था। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पहले चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन करने के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित थी। बाद में कोर्ट ने यात्रियों की निर्धारित संख्या की शर्त हटा दी थी। साथ ही सरकार ने ई पास की बाध्यता भी खत्म कर दी। 18 सिंतबर से आठ अक्तूबर तक बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 57 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि अब यात्री बिना ई-पास के दर्शन कर पा रहे हैं। शुक्रवार को चारों धामों में 4587 तीर्थयात्री पहुंचे। शुक्रवार को बदरीनाथ धाम में 1274, केदारनाथ में 2392, गंगोत्री में 528 और यमुनोत्री में 393 तीर्थयात्री पहुंचे। तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने से यात्रा पड़ावों पर भी चहल-पहल बनी है। वहीं, हेमकुंड साहिब में शुक्रवार को 968 तीर्थयात्रियों ने हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के दर्शन किए। केदारनाथ में गर्भगृह से बाबा के स्वयंभू लिंग के दर्शन की अनुमति मिलने के बाद अब श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश कर बाबा के दर्शन कर रहे हैं। साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बीते पांच अक्तूबर को 1500, छह अक्तूबर को 2300 और सात अक्तूबर को 2530 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए हैं। उधर तृतीय केदार तुंगनाथ में बीते 17 मई से अभी तक 1300 से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शनों के लिए पहुंच चुके हैं। देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी व यात्रा प्रभारी युद्धवीर सिंह पुष्पवाण ने बताया कि ई-पास की व्यवस्था खत्म होने के बाद से केदारनाथ में भक्तों को गर्भगृह से दर्शन कराए जा रहे हैं, लेकिन कोविड-19 के तहत स्वयंभू लिंग पर घी, चंदन का लेपन प्रतिबंधित है।