Bengal riots : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा और उत्तर 24 परगना में हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई होने की संभावना है। हिंसा के चलते तीन लोगों की मौत हो गई थी, कुछ लोग पीड़ित थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। याचिका में मामले की विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग की गई। वकील शशांक शेखर झा का कहना है कि शीर्ष अदालत में जनहित याचिका में वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद 11 अप्रैल को हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है।
शशांक शेखर झा ने अपनी याचिका में पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार को मामले में प्रतिवादी बनाया और शीर्ष अदालत से एक आदेश जारी करने की गुजारिश की। जिसके दौरान पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की चल रही घटनाओं की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जा सके। उन्होंने पीड़ितों के लिए मुआवजा और पुनर्वास की भी मांग की है।
हिंसा के बढ़ने पर सरकार ने लगाई रोक
याचिकाकर्ता ने भी यह अपील किया कि न्यायालय दोनों सरकारों को आदेश दे कि वे वर्तमान समय में पीड़ा से प्रभावित लोगों के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा निश्चित की करे। इसके अतिरिक्त सरकार हिंसा को बढ़ने से रोकें। जनहित याचिका में कहा गया है कि न्याय और समानता के हित में न्यायालय जो उचित समझे, वैसा अन्य आदेश पारित करें। मामले की सुनवाई आज होगी। इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जल्द में ही भाजपा की ओर से एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें प्रभावित सीमावर्ती जिलों में हिंसा की घटनाओं की राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच की मांग की गई थी।
15 अप्रैल को ही शीर्ष कोर्ट पहुंचा मामला
इसके दौरान वक्फ कानून का मामला 15 अप्रैल को ही शीर्ष कोर्ट पहुंच गया था। हालाकि सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी दो याचिकाएं दायर की थीं। इनमें नए लागू किए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के दौरान कानून के निगरानी में जांच करने की मांग की गई है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए दिया आदेश
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया है कि मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिस्सों में मुख्य रूप से सुती, समसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर में सांप्रदायिक हिंसा में लगभग तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग बेघर हुए थे।