Delhi: गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत रायसीना हिल्स स्थित ब्रिटिशकालीन ‘नॉर्थ ब्लॉक’ को खाली करना और इंडिया गेट के पास कर्तव्य पथ पर एक नयी इमारत में स्थानांतरित होना शुरू कर दिया है.
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और कुछ संयुक्त सचिव तथा अवर सचिव स्तर के अधिकारी व उनके कर्मचारी पहले ही नवनिर्मित सीसीएस-तीन भवन में स्थानांतरित हो चुके हैं, जबकि शेष अधिकारी और अन्य कर्मचारी अगले कुछ दिनों में वहां स्थानांतरित हो जाएंगे.
विजय चौक से इंडिया गेट के बीच बनेंगी 10 इमारतें
CCS के लिए विजय चौक से इंडिया गेट के बीच चार प्लॉट पर 10 आधुनिक इमारतें बनेंगी. इन्हीं इमारतों में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय होंगे, जबकि अभी केंद्र के 51 मंत्रालयों में से महज 22 मंत्रालय सेंट्रल विस्टा इलाके में हैं.
तीन प्लॉट में तीन-तीन 8 मंजिला इमारतें और चौथे प्लॉट में एक इमारत के अलावा कन्वेंशन सेंटर होगा. इमारतों की ऊंचाई इंडिया गेट से कम होगी. कन्वेंशन सेंटर में 8000 लोगों की बैठक क्षमता होगी.
सेंटर में सात हॉल होंगे. सबसे बड़े हॉल में 3500 लोग बैठ सकेंगे. 2000 की क्षमता का एक, 1000 की क्षमता के दो और 500 की क्षमता के तीन हॉल होंगे. सेंट्रल सेक्रेटेरिएट और उद्योग भवन से सभी इमारतों को जोड़ने के लिए अंडर ग्राउंड पब्लिक मूवर शटल्स होंगी.
नया PMO के पीछे ही होगा प्रधानमंत्री आवास
नॉर्थ ब्लॉक के पीछे उपराष्ट्रपति आवास बनेगा. अभी उपराष्ट्रपति आवास लुटियंस जोन में साउथ और नॉर्थ ब्लॉक से दूर है. साउथ ब्लॉक की मौजूदा इमारत के पीछे नया PMO बनेगा.
उसके पीछे करीब 15 एकड़ में नया प्रधानमंत्री आवास बनेगा. अभी प्रधानमंत्री आवास लोक कल्याण मार्ग पर है. इससे PM को अपने आवास से दफ्तर और संसद आने-जाने के लिए ट्रैफिक नहीं रोकना पड़ेगा.
नॉर्थ ब्लॉक में 90 सालों से है गृह मंत्रालय का मुख्यालय
नॉर्थ ब्लॉक में लाल बलुआ पत्थर से बनी यह इमारत लगभग 90 वर्षों से गृह मंत्रालय का मुख्यालय रही है. ब्रिटिश वास्तुकार हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन की गई यह इमारत, साउथ ब्लॉक के साथ-साथ संसद भवन और कई बंगलों का भी हिस्सा थी, जिन्हें एडविन लुटियंस के सहयोग से नई दिल्ली की समग्र योजना के तहत बनाया गया था.
खाली इमारतों को विशाल संग्रहालय में बदलने की योजना
सेंट्रल विस्टा योजना के तहत नई इमारतें तैयार होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय जैसे प्रमुख कार्यालयों वाली एक जैसी इमारतें- नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक पूरी तरह से खाली हो जाएंगी. सरकार की योजना इन खाली इमारतों को एक विशाल संग्रहालय में बदलने की है, जिसका नाम ‘युगे युगीन भारत’ होगा. यह 1.55 लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल और 950 कमरों वाला दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक होगा.
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