Odisha train accident updates: ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को मानसून सत्र के दौरान संसद में राज्यसभा सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ‘सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन’ में चूक के कारण गलत सिग्नल दिया गया और इसी वजह से ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई जिसमें 295 लोगों की जान चली गई थी।
सिग्नल सर्किट-परिवर्तन में हुई चूक
अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि रेलवे में पिछले पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं, लेकिन इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई। पहली बार रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट से विवरण साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, सिग्नल सर्किट-परिवर्तन में चूक के कारण और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान पीछे से टक्कर हुई थी। इन खामियों के कारण ट्रेन संख्या 12841 को गलत सिग्नल दिया गया। जिसमें यूपी होम सिग्नल ने स्टेशन की यूपी मुख्य लाइन पर रन-थ्रू मूवमेंट के लिए हरे रंग का संकेत दिया, लेकिन यूपी मुख्य लाइन को यूपी लूप लाइन से जोड़ने वाले क्रॉसओवर को यूपी लूप लाइन पर सेट किया गया था; गलत सिग्नलिंग के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 यूपी लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां खड़े मालगाड़ी के साथ पीछे से टक्कर हो गई।
आपकों बता दें कि ओडिश के बालासोर में दो जून को हुई दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। वैष्णव ने कहा कि 295 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 176 को गंभीर चोटें आईं, 451 को साधारण चोटें आईं और 180 को प्राथमिक उपचार मिला।
41 अवशेषों की अब तक नहीं हो सकी शिनाख्त
उन्होंने संसद के दोनों सदनो को सूचित करते हुए कहा कि बालासोर दुर्घटना में मारे गए 41 लोगों के अवशेषों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि अज्ञात यात्रियों के शव एम्स, भुवनेश्वर में चिकित्सकीय रूप से निर्धारित तरीके से रखे गए हैं और सीएफएसएल, नई दिल्ली में विश्लेषण के लिए उनके डीएनए नमूने लिए गए हैं।