कर्नाटक। इसरो नई पीढ़ी के खगोलीय उपग्रह भेजने की संभावनाओं पर काम कर रहा है। इस बारे में इसरो की विज्ञान समिति के अध्यक्ष एसके किरनकुमार ने बताया कि 28 सितंबर 2015 को पांच साल के लिए भेजा गया ऐसा ही एक उपग्रह एस्ट्रोसैट छह साल पूरे कर चुका है और अब भी बखूबी काम कर रहा है। किरनकुमार के मुताबिक यह अभी कुछ और समय काम करता रहेगा, इसके जैसा ही एक और उपग्रह भेजने की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। नया उपग्रह एस्ट्रोसैट- 2 नहीं बल्कि नहीं पीढ़ी का खगोल अध्ययन उपग्रह होगा। इस बारे में अभी विचार किया जा रहा है, इसका भविष्य प्लानिंग पर निर्भर करेगा। इस बीच एस्ट्रोसैट के प्रदर्शन से पूरे विश्व का वैज्ञानिक समुदाय उत्साहित है। इसरो के अनुसार इससे मिला डाटा खगोलीय अध्ययन में उपयोग हो रहा है।