नई दिल्ली। देश में तेल की कीमतें कम रहें यह सुनिश्चित करने के लिए तेल उत्पादक देशों के साथ वार्ता करते समय हम हर उस विकल्प का इस्तेमाल करेगा, जो हमारे पास हैं। केंद्रीय तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल और कोयले जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर भारत की निर्भरता बहुत लंबे समय तक बनी रहेगी और हरित ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन तभी व्यवस्थित होगा, जब उनकी कीमतों में कमी आएगी। वह भारतीय नौसेना की ओर से आयोजित हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय वार्ता को संबोधित कर रहे थे। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार कीमतों (तेल की) को लेकर बहुत संवेदनशील है और एक मंत्री के तौर पर मैं आपको पूरे विश्वास के साथ यह बता सकता हूं कि हम इसकी कीमतों में कमी को सुनिश्चित करने के लिए अपने समकक्षों के साथ वार्ता के दौरान द्विपक्षीय या बहुपक्षीय रूप से हर उस विकल्प का उपयोग करेंगे जो हमारे पास उपलब्ध है। एक सप्ताह पहले पुरी ने कहा था कि भारत सऊदी अरब और अन्य देशों से बेहतर कच्चे तेल के आयात सौदों की तलाश के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और निजी क्षेत्र के रिफाइनरों को एक साथ लाने पर विचार कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों के 85 डॉलर प्रति बैरल के कई वर्षों के उच्च स्तर पर चढ़ने की वजह से स्थानीय स्तर पर खुदरा पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।