नई दिल्ली। पिछले दो दशकों में मोटापा ग्रसित रोगियों की वैश्विक संख्या में भारी उछाल देखने को मिला है। मोटापा या अधिक वजन को कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़कर देखा जाता है। आहार और जीवनशैली में गड़बड़ी को स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसका प्रमुख कारण मानते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि मोटापा, हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा देता है, हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, इसका शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इतना ही नहीं इससे जनित कई स्वास्थ्य स्थितियां जानलेवा भी हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ बीमारियां भी मोटापा या वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं। इसके अलाना स्टेरॉयड और कुछ एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाओं का सेवन करना भी वजन बढ़ने का कारण हो सकती हैं। वजन को नियंत्रित रखकर कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा: स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, स्ट्रोक, स्लीप एपनिया और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी गंभीर समस्याओं के खतरे को बढ़ा देता है। मोटापे के कारण इंसलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है, जो डायबिटीज की समस्या को बढ़ा देती है। इसके अलावा यह बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी बढ़ावा दे सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का भी बढ़ जाता है खतरा:- शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा, मोटापा मानसिक रोगों जैसे अवसाद, तनाव और चिंता का भी कारण बन सकता है। मोटे या अधिक वजन वाले लोगों को अक्सर बॉडी शेमिंग से जूझना पड़ता है, जो उनके आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है। इसके अलावा अधिक वजन के कारण शरीर में होने वाले कई बदलाव अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इन बीमारियों का भी बढ़ जाता है जोखिम:- स्वस्थ वजन वाले लोगों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त लोगों में कई अन्य गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इस बारे में विशेष सावधान रहने की आवश्यकता होती है। हाई या बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना। पित्ताशय के रोग, ऑस्टियोआर्थराइटिस, स्लीप एपनिया और सांस लेने में तकलीफ, कई प्रकार के कैंसर का खतरा, मानसिक बीमारी जैसे अवसाद, चिंता, और अन्य मानसिक विकार, शरीर में दर्द और काम करने में कठिनाई।