कबूतरों का घर पर आना शुभ या अशुभ, पहचाने संकेत

रोचक जानकारी। भारतीय समाज में ऐसी बहुत सी मान्यताएं हैं जिन्हें शुभ या अशुभ से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में शास्त्रों में पशु पक्षियों से जुड़े कुछ विशेष संकेतों के महत्व के बारे में बताया जाता है कि कौन से संकेत शुभ है कौन से अशुभ। आज हम बात करने वाले है कबूतर के बारे में। सभी पक्षियों में से एक है कबूतर। हिंदू धर्म के मुताबिक कबूतर को सुख और शांति का प्रतीक माना जाता है।  हिंदू धर्म को मानने वाले कुछ लोग कबूतर को माता लक्ष्मी का भक्त भी बताते हैं, तथा इनका घर में आना शुभ माना जाता है। इसके विपरीत कुछ लोगों का मानना है कि कबूतर का घर में बार बार आना या फिर घोंसला बनाना दुर्भाग्य ला सकता है।तो चलिए जानते है  कबूतर से जुड़े कुछ शुभ और अशुभ संकेतों के बारे में।

सौभाग्य लाता है कबूतर
हिन्‍दू धर्म के मान्‍यता के मुताबिक, कबूतर का घर में आना-जाना आपके दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकता है। यदि सुबह-सुबह कबूतर की गुटर गूं सुनाई दे तो यह लाभ मिलने की ओर संकेत हो सकता है। माना जाता है कि कबूतर के घर में आने से घर में सुख शांति में वृद्धि होती है। वहीं यदि कबूतर बिना घोंसला बनाएं आपके घर पर आते रहते हैं। तो यह आपके लिए शुभ संकेत है। शकुन शास्त्र में बताया गया है कि कबूतर माता लक्ष्मी के भक्त होते हैं, इसलिए इनके घर आने पर इन्हें दाना जरूर खिलाएं। तथा ज्योतिष शास्त्र भी मानता है कि कबूतरों को दाना खिलाने से कुंडली में गुरु और बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा कबूतर के घर आने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

कबूतर का घोंसला बनाना अशुभ
मान्यता के अनुसार कबूतर का घर में घोंसला बनाना शुभ नहीं माना जाता। कई बार कबूतर घरों में छत पर या बालकनी में घोंसला बना लेते हैं। शकुन शास्त्र मानता है कि घर में कबूतर का घोंसला बनाना अशुभ होता है। कबूतर का घर में घोंसला बनाना दुर्भाग्य को आमंत्रित करता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके कबूतर का घोंसला अपने घर से हटा देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि कबूतर के घोंसला बनाने से घर के सदस्यों की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है, और उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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