वाराणसी। दुनिया के सबसे लंबे जलमार्ग पर सफर कर रहे गंगा विलास क्रूज की रफ्तार कोहरे के कारण धीमी हो गई है। 32 स्विस मेहमानों को लेकर वाराणसी आ रहा यह क्रूज अब आठ जनवरी को यहां पहुंचेगा। बता दें कि गुरुवार को यह जलयान डोरीगंज की सीमा में प्रवेश कर गया। जल परिवहन की सबसे लंबी और रोमांचकारी रिवर क्रूज यात्रा को पीएम नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाएंगे।
क्रूज को छह जनवरी को वाराणसी पहुंचना था, मगर कोहरे के कारण दृश्यता कम होने के चलते विदेशी मेहमानों को लेकर कोलकाता से रवाना हुआ जलयान अब दो दिन की देरी से आठ जनवरी को वाराणसी पहुंचेगा। आठ जनवरी को रविदास घाट पर मेहमानों का भव्य स्वागत होगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
काशी प्रवास के दौरान मेहमानों के लिए खास व्यवस्था की गई है। काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा आरती के साथ ही सैलानी काशी की गलियों का भी भ्रमण करेंगे। इसके बाद यह क्रूज 13 जनवरी को 3200 किलोमीटर के जलमार्ग की यात्रा पर रवाना होगा। जलयान में सवार 32 विदेशी मेहमानों को डिब्रुगढ़ की यात्रा कराएगा।
वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ की यात्रा पर जाने वाला क्रूज पीएम नरेंद्र मोदी की निगरानी में रवाना होगा। 52 दिन के सफर के दौरान भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा। यह वैश्विक धरोहरों से संबंधित 50 से अधिक स्थानों पर रुकेगा।
पीएम देंगे पूर्वांचल को चार जेटी की सौगात :-
दुनिया के सबसे लंबे जलमार्ग पर चलने वाले गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल को चार जेटी की भी सौगात देंगे। पीएम मोदी वर्चुअल माध्यम से 13 जनवरी को गंगा विलास क्रूज रवाना करने से पहले बलिया से वाराणसी के बीच बने इन जेटी को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पीएम के हाथों जेटी लोकार्पण के लिए जलमार्ग प्राधिकरण ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को गंगा में नाव रेसिंग प्रतियोगिता को हरी झंडी दिखाएंगे।