लखनऊ। उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर समेत देश के विभिन्न भागों में गरज के साथ हल्की बारिश हुई। यूपी में झांसी समेत कई जिलों में ओलावृष्टि भी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिन तक देश के अधिकतर भागों में हल्की बारिश के साथ आंधी व ओलावृष्टि की संभावना हैं।
प्रदेश में बारिश के साथ तेज हवा चली, जिससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल गिर गई है तो वहीं सरसों की फलियां टूट गईं। उधर आलू को वैसे तो कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन इससे आलू की खोदाई अवश्य प्रभावित हुई। उधर मौसम विभाग आगे भी बारिश और तेज हवा चलने की आशंका जता रहा है। खास तौर से 20 व 21 मार्च को तेज बारिश होने की बात कही जा रही है। यानी किसानों के लिए अगला एक सप्ताह भी संकट भरा रहने वाला है।
गुरुवार की रात अचानक बारिश शुरू हो गई। साथ ही तेज हवा भी चली। मौसम विभाग इसकी चेतावनी पहले ही दे चुका था। उधर गेहूं की जो फसल पक गई है वह बारिश के कारण बालियां टूटने से बुरी तरह से प्रभावित हुई। तेज हवा के कारण फसल गिर गई। उधर सरसों पर बारिश और हवा दोनों का बुरा असर पड़ा। आलू की खोदाई चल रही है। आलू किसान तो वैसे ही परेशान हैं। जहां बारिश हुई, वहां खोदाई रुक गई। इस बारिश से आम का बौर झड़ गया। पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में ज्यादा बारिश हुई। हालांकि मौसम विदों का कहना है कि 20 और 21 मार्च को बारिश व हवा की की तीव्रता अधिक रह सकती है।
यूपी में अगले पांच दिनों तक गरज-वर्षा की संभावना
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के मौसम विज्ञानी डाक्टर यूपी शाही कहते हैं कि अगले पांच दिन तक अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ मध्यम वर्षा की संभावना है। मेरठ, मुजफरनगर, बागपत, शामली, हापुड़, नोएडा, अलीगढ़, गाजियाबाद, रामपुर, बिजनौर में हल्की वर्षा, बदायूं संभल, फर्रुखाबाद, सहारनपुर में मध्यम वर्षा और बरेली, पीलीभीत में मध्यम से तेज वर्षा के आसार हैं। प्रयागराज, कौशांबी आदि में चना आदि फसलों की कटाई चल रही है। यदि आगे बारिश हुई तो नुकसान होगा। वाराणसी में हल्की बूंदाबांदी हुई पर यदि तेज बारिश हुई गेहूं, सरसों, आम को काफी नुकसान हो सकता है। उधर यदि बारिश तेज हो गई तो सभी सब्जियां प्रभावित होंगी।
एडवाइजरी जारी
कृषि विभाग ने खड़ी फसल में सिंचाई न करने को कहा है। जहां बारिश नहीं हुई और सरसों पक गई है वहां फसल की कटाई तत्काल करने की सलाह दी है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि ओलावृष्टि हो गई गेहूं, सरसों आदि सभी फसलें ज्यादा प्रभावित हो जाएंगी। यदि फसल 15 से 20 फीसदी क्षतिग्रस्त हो गई हो तो साफ आसमान में यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करने की सलाह दी जाती है।
यदि ज्यादा नुकसान हो तो जायद के लिए खेत तैयार करें। इसके अलावा कटी फसल को पॉलीथिन से ढकने को कहा गया है। इस बारिश से मक्का, उर्द, मूंग में कम अंकुरण होगा। चना, मटर, मक्का, और मूंगफली के खेतों में जल जमाव के कारण बीज विस्थापन के परिणामस्वरूप खराब अंकुरण हो सकता है। इसी तरह तेज हवाएं फसलों को प्रभावित करेंगी।