मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने नैनीताल बैंक, उत्तराखंड पर गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों और धोखाधड़ी के वर्गीकरण से संबंधित कुछ मानदंडों का पालन न करने के लिए लगभग छह लाख रूपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने 31 मार्च 2019 को अपनी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में ऋणदाता के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया था और कुछ निर्देशों का अनुपालन नहीं पाया था। कुछ उधारकर्ता खातों को एनपीए के रूप में वर्गीकृत करने में विफलता सामने आई थी। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि परिभाषित सीमा से अधिक होने के बावजूद, आरबीआई द्वारा पहचाने गए परिसंपत्ति वर्गीकरण और प्रावधान से संबंधित भौतिक विचलन का खुलासा करने में भी विफलता पाई गई थी। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में बैंक की ओर से भी विफलता सामने आई। हालांकि आरबीआई ने कहा कि नैनीताल बैंक के खिलाफ कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई संकट नहीं है।