योग। बिगड़ी जीवनशैली के कारण पिछले दो दशकों से आर्थराइटिस की समस्या बढ़ती जा रही है। जोड़ों में सूजन और दर्द की यह समस्या जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। दुनियाभर में करोड़ों लोग आर्थराइटिस की समस्या के शिकार हैं। भारत में आर्थराइटिस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, शारीरिक निष्क्रियता और आहार में गड़बड़ी के कारण गठिया का जोखिम बढ़ जाता है। आजकल महिलाओं में आर्थराइटिस की समस्या तेजी से बढ़ रही है। घर के कामकाज के दौरान खड़े होने, बैठने व झुकने में उन्हें दिक्कत होती है। ऑफिस में डेस्क वर्क करने वाली महिलाओं को भी जोड़ों का दर्द हो सकता है। शरीर को लचीला बनाए रखने और आर्थराइटिस की समस्या से बचाव के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास करना चाहिए।
वृक्षासन योग:-
मांसपेशियों को मजबूत बनाने और रक्त संचार को बेहतर करने के लिए वृक्षासन योग का अभ्यास लाभकारी है। इसका नियमित अभ्यास गठिया की समस्या से लंबे समय तक सुरक्षित रखने में सहायक होता है। जिन लोगों को गठिया की समस्या है, उनके लिए वृक्षासन योग करना बहुत कठिन हो सकता है। लेकिन रक्त परिसंचरण, शरीर के संतुलन में सुधार और एकाग्रता के लिए वृक्षासन का अभ्यास करना चाहिए।
कोबरा पोज :-
रीढ़ और कमर की हड्डी को मजबूती देने और उन्हें लचीला बनाए रखने के लिए कोबरा पोज योग का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है। कोबरा पोज शरीर को पूर्ण आराम देने के साथ, ऊतकों और कोशिकाओं को ठीक रखने, मस्तिष्क को तनाव मुक्त रखने और शरीर में संतुलन बनाए रखने में कोबरा पोज योग को बहुत फायदेमंद माना जाता है।
वीरभद्रासन योग:-
शरीर के अंगों की बेहतर स्ट्रेचिंग करने के लिए वीरभद्रासन काफी फायदेमंद योगासन है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक, क्रोनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम करके यह योगासन बाह, पीठ के निचले हिस्से और पैरों को मजबूत बनाता है। वीरभद्रासन योगाभ्यास उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो डेस्क पर लंबे समय तक काम करते हैं।