हेल्थ। किडनी हमारे शरीर का बेहद ही महत्वपूर्ण अंग होता है। गुर्दा यानी किडनी का काम होता है खून को फिल्टर करना। जब किडनी में कोई समस्या या बीमारी हो जाती है तो यह खून को उस तरीके से फिल्टर नहीं कर पाता है, जिस तरीके से करना चाहिए। जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी होती है, उनमें किडनी डिजीज होने का रिस्क बहुत अधिक होता है। कई बार शुरुआत में किडनी से संबंधित रोग होने का पता नहीं चल पाता है और जब समस्या काफी बढ़ जाती है तो इसके लक्षण नजर आते हैं। किडनी रोग के कुछ कॉमन लक्षण बार-बार उल्टी होना, एनीमिया, पेशाब करने में समस्या, जलन होना या फिर खून आना, भूख ना लगना, कमजोरी, थकान, पैरों, एड़ियों के आसपास सूजन, हाई ब्लड प्रेशर आदि हो सकते हैं।
हालांकि, स्वस्थ खानपान, हेल्दी लाइफस्टाइल और कुछ हर्ब्स के सेवन से आप किडनी को स्वस्थ रखा जा सकता हैं। लवनीत बत्रा ने अपने पोस्ट में लिखा है, मसालों और जड़ी-बूटियों का उपयोग लंबे समय से भोजन के स्वाद और सुगंध को बेहतर बनाने के लिए किया जाता रहा है। अब ये रसोई में मौजूद नेचुरल चीजें कई तरह की शारीरिक समस्याओं को भी दूर रखने में मदद कर सकते हैं। तो चलिए उन हर्ब्स के बारे में जानते है जो किडनी को रखते है निरोग।
गिलोय-
एफ्लाटॉक्सिन के कारण किडनी में होने वाले जहर से गिलोय किडनी की रक्षा करती है। ऐसा इसमें एल्कलॉइड्स की मौजूदगी के कारण होता है। गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और एफ्लाटॉक्सिकोसिस के दौरान उत्पन्न मुक्त कणों यानी फ्री रैडिकल्स को नष्ट कर देते हैं, जिससे गुर्दे की क्षति को रोका जा सकता है।
हल्दी-
हल्दी एक बेहद ही हेल्दी नेचुरल हर्ब है। हल्दी से प्लाज्मा प्रोटीन में सुधार होता है और टी2डीएम के रोगियों में सीरम यूरिया और क्रिएटिनिन के स्तर में कमी आती है। ऐसे में यह किडनी के कार्य में सुधार के लिए बेहद ही उपयोगी हर्ब साबित हो सकती है।
अदरक-
अदरक का एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव इंफेक्शन के कारण किडनी में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। यदि आप किडनी को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखना चाहते हैं तो प्रतिदिन किसी ना किसी रूप में अदकर का सेवन अवश्य करें।
त्रिफला-
जड़ी-बूटियों की अद्भुत तिकड़ी आमलकी, हरीतकी और बिभीतकी को मिलाकर त्रिफला चूर्ण तैयार किया जाता है। यह किडनी को नेचुरल तरीके से स्वस्थ रखने का बेहद ही आसान तरीका है। त्रिफला किडनी के टिशूज को मजबूत करती है। प्लाज्मा प्रोटीन, एल्ब्यूमिन, क्रिएटिनिन में सुधार करती है और संपूर्ण गुर्दे की कार्यप्रणाली को बढ़ाती है।
सिंहपर्णी की जड़-
सिंहपर्णी की जड़ कई बीमारियों को जड़ से दूर करती है। यह एक बेहद ही फायदेमंद हर्ब है। इसके मूत्रवर्धक गुण किडनी को फ्लश करने में मदद करते हैं और मूत्र प्रणाली को मजबूत बनाए रखते हैं।