नई दिल्ली। 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया जाएगा। इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। 2019 में लोकसभा चुनाव होने के कारण फरवरी 2019 में अंतरिम बजट पेश किया गया और फिर जुलाई 2019 में फुल आम बजट आया। बता दें कि 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लेकर अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक परंपरा को तोड़ दिया। हालांकि वित्त मंत्री जब भी बजट पेश करने आते हैं, ब्रीफकेस लेकर आते हैं। लेकिन निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस वाली इस परंपरा को तोड़ दिया। वह लाल रंग की मखमली कवर वाली फाइल में बजट लेकर संसद पहुंचीं थीं। जो कैमरों के सामने आते ही चर्चा का विषय बना गया।
इस कदम से पारंपरिक बजट ब्रीफकेस की जगह बहीखाते के इस्तेमाल को अंग्रेजों के द्वारा थोपी गई पश्चिमी दासता को खत्म करने के तौर पर भी देखा गया। मालूम हो कि बजट शब्द फ्रेंच शब्द बॉजेट से आया है, जिसका मतलब ब्रीफकेस होता है। बहीखाते को अंग्रेजी में अर्थ स्टेटमेंट ऑफ अकाउंट कहते हैं। बहीखाते के ऊपर लगा अशोक स्तंभ इस बात का इशारा करता है कि अब बजट से पश्चिमी सोच को पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है। बजट में सरकार अपने अकाउंट को ही जनता के सामने रखती है। वार्षिक बजट में उन स्रोतों के बारे में जानकारी होती है जिनसे सरकार के पास पैसे आते हैं। इसके अलावा बजट में विभिन्न मदों की डिटेल होती है, जिसके तहत सरकार खर्च करती है।