रिलेशनशिप में एज गैप क्‍यों है जरुरी?

रिलेशनशिप। कहा जाता हैं प्यार की कोई उम्र नहीं होती है। पहली नजर वाला प्यार हो या परिवार की मदद से तय किया हुआ रिश्ता, सबसे बाद में उम्र का ख्याल ही आता है। रिलेशनशिप में कम से कम तीन साल का अंतर आदर्श माना जाता है लेकिन क्या हो अगर रिलेशनशिप में एज गैप ज्यादा हो?

रिश्ते पर इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से ही असर पड़ सकते हैं। क्योंकि उम्र बड़ी होने के साथ मेच्योरिटी लेवल और एक्सपीरियंस दोनों ही बढ़ जाता है। इस स्थिति में किसी भी एज ग्रुप के साथ सामंजस्य कर पाना मुश्किल हो जाता है और कपल्स में मतभेद की स्थिति आ जाती है।

क्या है एज गैप रिलेशनशिप:-

एज गैप रिलेशनशिप में महिलाएं या पुरुष अपने साथी की उम्र से काफी बड़े होते हैं। ऐसे रिलेशनशिप काफी ज्यादा चैलेंजिंग हो जाते हैं। प्यार के लिए किसी भी तरह के उम्र के बंधन में बंधने की जरूरत नहीं होती। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जब समाज की बातों का असर रिश्ते पर पड़ने लगता है।

एज गैप रिलेशनशिप के सकारात्मक पहलू:-
-रिलेशनशिप में मेच्योरिटी जरूरी है, जो एज गैप रिलेशनशिप में होती है।
-एज गैप रिलेशनशिप में कपल्स एक दूसरे का सम्मान करना सीखते हैं।
-कपल्स उम्र के फासले को स्वीकार करते हुए जीवन अच्छे से गुजारते हैं।
-बड़ी उम्र वाला व्यक्ति अपने पार्टनर की भावनाएं समझता है।
-एज गैप वाले कपल्स एक दूसरे की परेशानियों को आसानी से समझ सकते हैं।

एज गैप रिलेशनशिप के नकारात्मक पहलू:-
-एज गैप रिलेशनशिप में दोनों के बीच ईगो की समस्या आ सकती है।
-एज गैप रिलेशनशिप में एक समय के बाद तालमेल बैठाना मुश्किल हो जाता है।
-अलग-अलग उम्र होने के कारण दोनों की पसंद अलग-अलग हो सकती है, जिससे झगड़े बढ़ सकते हैं।

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