Health tips: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पाचन संबंधी समस्याएँ आम होती जा रही हैं. कई लोगों को ऐसी तकलीफ़ होती है जो उनके जीवन की गुणवत्ता को कम कर देती है, जिसमें पेट फूलना और कब्ज़ से लेकर गंभीर जठरांत्र संबंधी विकार शामिल हैं. हालाँकि कई उपचार उपलब्ध हैं, लेकिन योग पाचन को बेहतर बनाने का एक उपयोगी और प्राकृतिक तरीका है. योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, बल्कि तनाव को भी कम करता है, जो पाचन संबंधी समस्याओं का एक प्रमुख कारण है. इस ब्लॉग में, हम पाचन में सहायक योगासनों पर नज़र डालेंगे और उन्हें करने के तरीके के बारे में विस्तृत निर्देश देंगे.
1.पवनमुक्तासन
- इस आसन के अभ्यास से गैस, कब्ज और अपच की समस्या दूर होती है.
- पवनमुक्तासन पाचन तंत्र को मजबूत करता है और ब्लोटिंग कम करता है.
- ये आसन पेट और जांघों की चर्बी कम करने में सहायक है.
कैसे करें?
- पीठ के बल लेटकर दोनों पैर सीधे रखें.
- दाएं घुटने को मोड़कर छाती के पास लाएं और दोनों हाथों से पकड़ें.
- सिर उठाते हुए घुटने से नाक मिलाने की कोशिश करें.
- 10-15 सेकंड तक इस स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे वापस आएं.
- ये प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ दोहराएं.
- दिन में 3-5 बार करें.
2.वज्रासन
- खाने के बाद बैठने वाला इकलौता योगासन है, जो तुरंत डाइजेशन में मदद करता है.
- वज्रासन से एसिडिटी, गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है.
- इसका अभ्यास पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है.
- खाने के तुरंत बाद 5-10 मिनट वज्रासन करने से पाचन तेज होता है.
कैसे करें?
- घुटनों के बल बैठकर पैरों को पीछे की ओर मोड़ें.
- एड़ी पर बैठकर रीढ़ सीधी रखें और हाथ घुटनों पर रखें.
- इस अवस्था में 5-10 मिनट बैठें.
3.भुजंगासन
- भुजंगासन से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है और पाचन ठीक रहता है.
- एसिडिटी और गैस्ट्रिक प्रॉब्लम को कम करने में भुजंगासन असरदार है.
- इस आसन का अभ्यास लिवर और किडनी को हेल्दी बनाए रखता है.
कैसे करें?
- पेट के बल लेटकर पैरों को सीधा रखें और हाथों को कंधों के नीचे रखें.
- गहरी सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे ले जाएं.
- इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें.
- सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आएं.
- ये क्रिया 3 से 4 बार दोहराएं.
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