Bridge Collapse: सुपौल और मधुबनी जिले को जोड़ने के लिए कोसी नदी पर बन रहा देश का सबसे लंबे पुल का बड़ा हिस्सा (गार्डर) नीचे गिर गया. इस दौरान काम करने वाले कई मजदूर पुल के मलबे के चपेट में आ गए, जिससे एक मजदूर की मौत भी हो गई, जबकि नौ से अधिक मजूदर घायल बताए जा रहे है. वहीं, अभी तीन से चार मजदूरों की गार्डर के नीचे दबे होने की भी संभावना है.
बिहार में एक बार फिर से बिहार में पुल हादसे के बाद विपक्ष और जनता पुल की गुणवत्ता पर तमाम तरह के सवाल उठा रही है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हमलोगों ने पुल निर्माण कंपनी के इंजीनियर को कई बार कहा कि गुणवत्ता ठीक नहीं है. लेकिन, उनलोगों हमारी एक न सुनी.,जिसका नतीजा आज सबके सामने है. फिलहाल, सुपौल के जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए है. सदर एसडीएम ने कहा कि मधुबनी के भेजा से क्रेन आ रही है. गार्डर उठने के बाद ही सारी बात स्पष्ट हो पाएगी.
Bridge Collapse: देश का सबसे लंबा पुल का निर्माण
आपको बता दें कि यह पुल केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा था, जिसको देश का सबसे लंबा पुल कहा जा रहा था. इसकी लंबाई 10.2 किमी से अधिक है. वहीं, एप्रोच रोड मिलाकर इस पुल की कुल लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से कुल 1200 करोड़ की लागत से इस पुल को बनाया जा रहा है.
Bridge Collapse: ट्रांस रेल कंपनी करवा रही पुल निर्माण का काम
जानकारी के मुताबिक, पुल निर्माण का काम ट्रांस रेल कंपनी करवा रही है. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसे के बाद कंपनी के अधिकारी और इंजीनियर में से कोई भी मौके पर नहीं आया. लोगों का यह भी कहना है कि पुल का निर्माण 2023 तक पूरा होना था, लेकिन कोरोना और बाढ़ के चलते अब तक नहीं हो सका है.
Bridge Collapse: शाहनवाज हुसैन ने जताया दुख
पुल हादसे के बाद बिहार के पूर्व केंद्रीय मंत्री सैय्यद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सुपौल में कोसी नदी पर पुल का हिस्सा गिरने से हुआ हादसा अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है. मैं दुआ कर रहा हूं कि हादसे की जद में आए लोग सलामत रहें और बचाव दल को उन्हें सुरक्षित बचाने में सफलता मिले.
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