Amit Shah gujarat visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीधाम में देश भर के किसानों को बड़ी सौगात दी। यहां उन्होंने IFFCO के लिक्विड नैनो डीएपी प्लांट की नींव रखी है। आपको बता दें कि इस प्लांट की खासियत यह है कि किसानों को 50 किलो उर्वरक की जगह केवल आधा लीटर लिक्विड फर्टिलाइजर अपने खेतों में इस्तेमाल करेंगे। यह प्लांट 70 एकड़ के एरिया में बनेगा। जिसको बनाने का लक्ष्य महज एक साल का रखा गया है। कहा जा रहा है कि सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस इफको के इस प्लांट के बनने के बाद आर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा।
धरती माता होगी संरक्षित, नहीं जाएगा उसमें जहर
केंद्रीय गृह अमित शाह ने कहा कि इस नैनो फर्टिलाइजर प्लांट से इफको उचित मात्रा और उचित दाम में भारत के किसानों को खाद की सप्लाई करेगा। यह दुनिया का पहला लिक्विड नैनो डीएपी बनाने वाला प्लांट है। अमित शाह ने कहा कि जब सहकारिता मंत्रालय बना तो सहकारिता से समृद्धि का मंत्र पीएम मोदी ने हमें दिया। लिक्विड नैनो डीएपी से हमारी धरती माता संरक्षित होगी, उसमें जहर नहीं जाएगा। किसान धरती की उर्वरता कम होने का चैलेंज फेस कर रहे हैं, उससे मुक्ति मिलेगी। इस खाद से पानी भी दूषित नहीं होगा, सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम होगा, सरकार आत्मनिर्भर बनने दिशा में आगे बढ़ेगी।
भारत को हरित क्रांति की जरूरत
अमित शाह ने कहा कि भारत को हरित क्रांति की जरूरत है। प्राकृतिक खेती की हरित क्रांति करनी है। जो आर्गेनिक प्रोडक्ट भारत का किसान उत्पादन करेगा, वो दुनिया भर से संपत्ति भारत में लाएगा। दलहन और तिलहन के मामले में भी देश को आत्मनिर्भर बनाना है। प्राकृतिक खेती से उपजे उत्पादों का उचित मूल्य किसान को देना सबसे जरूरी है। अच्छे ब्रांड के साथ विश्व के बाजारों को किसानों के प्रोडक्ट भेजे जाएंगे। छोटे से छोटे किसान को अपने प्रोडक्ट को दुनिया के बाजार में उतारने का मौका मिलेगा। सहकारिता के माध्यम से नई हरित क्रांति की अहम कड़ी है। 350 करोड़ रुपये की लागत से 70 एकड़ के एरिया में ये प्लांट बनेगा। तरल नैनो डीएपी संयत्र में इफको अपना पैसा लगाएगा।
जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर बनेगा प्लांट
हर तरह की खाद में देश आत्मनिर्भर बनेगा। एक साल के भीतर ही ये तरल डीएपी का कारखाना डीएपी का उत्पादन करेगा। इस प्लांट को बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से डिजाइन किया गया है। यह प्लांट जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर बनाया गया है। कोऑपरेटिव सेक्टर भारत के किसानो के लिए मजबूत पिलर है और आज ये पिलर ज्यादा मजबूत होगा। मोदी सरकार ने पैक्स को मल्टी-डायमेंशनल बनाया है।