Himachal weather news: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने जमकर कहर बरपाया है। ऐसे में लगतार हो रही बारिश अब आफत बनकर बरस रही है। जिससे देश को अब भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। वंडोह में व्यास नदी का पानी अब घरों और बाजारो में जा घुसा है। चंडीगड़ मनाली हाईवे मंडी से लेकर मनाली तक जगह जगह लैंड स्लाइड के चलते बंद हो गया है। साथ ही कालका-शिमला ट्रैक पर ट्रेनों की भी आवाजाही रोक दी गई है। वहीं, बीते 24 घटों में हुई बारिश की वजह से शिमला में एक मकान गिर गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। तथा कुल्लू जिले के बाहंग में एक दुकान भी ढह गई। जबकि जगह-जगह लैंड स्लाइड से 250 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई है।
वहीं, लाहौल में ताजा बर्फबारी और मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। रामशिमला से मनाली मार्ग यातायात के लिए बंद है। सांगरी बैग से बायां तट होते हुए नग्गर मनाली तक भी यातायात के लिए बंद है। कुल्लू के ब्यासा मोड़ में कार फंस गई।
जानकारी के मुाताबिक, शिमला जिले के मधावनी तहसील कुमारसैन में मकान गिर गया। मलबे में दबने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। पंडोह में बाढ़ के बीच एक घर में छह लोग फंसे हैं, SDRF ने रेस्क्यू आपरेशन चलाया और सभी को सुरक्षित बचा लिया।
बाहंग में ब्यास नदी में तीन दुकानें बह गई। बाहंग में खतरे को देखते हुए इलाके को खाली करवाया जा रहा है। पंडोह बांध के गेट खोलने से ब्यास में बाढ़ आ गई है। पंडोह में जलभराव हो गया है। बाढ़ जैसे हालात हैं। ब्यास नदी ओट में पुल के ऊपर से गुजर रही है।
मंडी का पंचवक्त्र मंदिर पानी में डूब गया है। मनालसु नदी के उफान पर आने से मनाली शहर की पेयजल योजना भी ठप हो गई है। इससे शहर में लोगों पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है।
लैंड स्लाइड के कारण कई हाइवे बंद
बताया जा रहा है कि मंडी पंडोह नेशनल हाईवे-6 मील के आसपास दो-तीन जगह पर लैंडस्लाइड होने से बंद हो गया है। मंडी कुल्लू सड़क वाया कटौला, कमांद के पास घोड़ा-फार्म के पास स्लाइड आने से बंद थी। जिसे छोटी गाड़ियों के लिए खोला जा चुका है। कुल्लू से मंडी आने जाने के लिए वाया चैलचौक सड़क खुल गई है।
वहीं, राष्ट्रीय मार्ग चंडीगढ़ मनाली 205 पर जगह-जगह पर पत्थर गिर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं, जामली दयोथ मार्ग पर एक चील का पेड़ गिरा है। जेसीबी मशीन भेज दी गई है। उसे हटाने का काम चल रहा है। नौणी से स्वारघाट तक वन वे मार्ग खुला है। जहां पत्थर गिर रहे हैं वहां पर मशीन भेज कर हटाए जा रहे हैं।