Hemant Soren: सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने ईडी की तरफ से की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. जस्टिस संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने हेमंत सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी से हाईकोर्ट जाने को कहा. वहीं, इससे पहले रांची की एक विशेष पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें गुरुवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
Hemant Soren: याचिका में क्या कहा गया?
हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में ईडी पर लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की सुनियोजित साजिश के अंतर्गत उन्हें गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है. वहीं, रिपोर्ट्स के अनुसार सोरेन ने याचिका में शीर्ष अदालत से ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार देने का अनुरोध किया है.
याचिका में कहा गया है कि प्रवर्तन निर्देशालय के अधिकारियों ने केंद्र सरकार के निर्देश पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है, क्योंकि याचिकाकर्ता हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम विपक्षी गठबंधन इंडिया का एक्टिव घटक है.
हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए 31 जनवरी को शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका दर्ज की थी. याचिका में अनुरोध किया गया था कि ईडी को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक इंतजार करना चाहिए. इसके बावजूद ईडी ने उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इशारे पर ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य उनकी चुनी हुई सरकार को गिराना था, जबकि उनके पास पर्याप्त बहुमत है.
Hemant Soren: सीएम सोरेन को देना पड़ा इस्तीफा
इससे पहले ईडी ने बुधवार यानी 31 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करीब सात घंटे की पूछताछ के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. इससे पहले सोरेन को ईडी की हिरासत में राज्यपाल से मिलकर सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
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