MP: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को मध्यप्रदेश के 70 वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अब 70 साल का हो गया है. अपनी गौरवशाली विकास यात्रा का 70वां स्थापना दिवस मना रहा है. उन्होंने कहा कि 1 नवंबर 1956 को गठित यह राज्य न केवल भारत के हृदय में स्थित है, बल्कि देश के विकास मानचित्र पर भी अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की यह 70 वर्षीय यात्रा समर्पण, संकल्प और सतत् विकास की सुखद यात्रा रही है. यह दिन हमें हमारे पूर्वजों की मेहनत, उनके जज्बे, जनभागीदारी से विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी एवं हम सभी की आस्था और निष्ठा की याद दिलाता है.
70 साल का हो गया एमपी
सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि आज देवउठनी ग्यारस के पावन अवसर पर राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है. हमारे तीज, त्यौहार और परंपराएं हमारी संस्कृति का आधार हैं. उत्सव के आनंद से ही भविष्य निर्माण के भाव निर्मित होते हैं. मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश में सभी त्यौहारों को व्यापक स्वरूप में मनाया जा रहा है. अपने त्यौहारों का सांस्कृतिक संदर्भ ही हमें पुरातन से नूतन की प्रेरणा देता है.
विकास यात्रा को आगे बढ़ाने की अपील
कृषि क्षेत्र में तकनीकी अपनाने, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली और फसल मूल्य संवर्धन जैसे प्रयासों को भी महत्वपूर्ण बताया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार और कृषि आय को बढ़ाने की दिशा में कार्य जारी है. महिला स्व-सहायता समूहों और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक भागीदारी में महिलाओं की भूमिका राज्य की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. अंत में, मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से सामूहिक प्रयास के साथ विकास यात्रा को आगे बढ़ाने की अपील की.
खनिज संपदा से भरपूर है एमपी
हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत का ह्दय मध्यप्रदेश वन, जल, अन्न, खनिज, शिल्प, कला, संस्कृति, उत्सव और परंपराओं से समृद्ध है. हमें मां नर्मदा, चंबल, पार्वती, शिप्रा नदियों का सान्निध्य और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त है. यह भगवान परशुराम की जन्मस्थली, भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली और आदि शंकराचार्य जी की तपोस्थली है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने चित्रकूट में लंबा समय व्यतीत किया है. इतिहास प्रसिद्ध राजा नल, भर्तृहरि, विक्रमादित्य की जन्म स्थली भी मध्यप्रदेश रही है. सम्राट विक्रमादित्य ने ही शकों के आतंक से भारत को मुक्त किया था. संसार की पहली वैज्ञानिक कालगणना “विक्रम संवत्” का आरंभ भी मध्यप्रदेश के उज्जैन से हुआ था.
ऐतिहासिक दिव्यता और भव्यता है
मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि हम अपने ऐतिहासिक गौरव की दिव्यता और प्राकृतिक भव्यता के साथ विरासत से विकास की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए विकसित भारत निर्माण का संकल्प दिया है. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारा देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प को साकार करने और विकसित भारत निर्माण के लिए मध्यप्रदेश में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. प्रदेश में उद्योग वर्ष मनाने के साथ राज्योत्सव की थीम ‘उद्योग और रोज़गार’ रखी गई है. इसमें प्रदेश के सतत विकास, सांस्कृतिक समृद्धि और जनभागीदारी का भाव है.
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