Maharashtra: महाराष्ट्र में भाषा विवाद सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. भाषा के नाम पर बच्चों पर हिंदी भाषा लादी जा रही है. हिंदी भाषा से किसी प्रकार का विरोध नहीं है. लेकिन प्राइमरी स्कूलों पर उसे थोपने नहीं देंगे. इस विषय पर राज ठाकरे ने एक भूमिका अपनाई है. वहीं भूमिका उद्धव ठाकरे की भी है.
राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया था जिसमें स्कूलों में कक्षा पांचवीं तक हिंदी को अनिवार्य करने की बात कही गई थी. इसे लेकर विपक्षी दल खासकर शिवसेना (UBT) ने इसका कड़ा विरोध जताया है. प्रवक्ता संजय राउत ने इसे लेकर बड़ा बयान दे दिया है.
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने पर बोले संजय राउत
इस मुद्दे पर जब संजय राउत से पूछा गया कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ मंच शेयर करने वाले हैं तो क्या अब वे राजनीतिक तौर पर भी साथ आएंगे, तो उन्होंने कहा, “दोनों अलग-अलग पार्टियों में हैं लेकिन एक विचार से मराठी को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ आ रहे हैं तो इसका क्या मतलब है?, क्या ये एक राजनीतिक गठबंधन नहीं है?”
एक साथ करेंगे आंदोलन
संजय राउत ने कहा कल राज ठाकरे के पास सरकार की तरफ से कुछ लोग गए. उन्होंने अपना मत रखा जो राज ठाकरे को पसंद नहीं आया. ठीक उसी समय उन्होंने एक मोर्चा निकालने की घोषणा की. हमें इसके बारे में मातोश्री पर तब जानकारी नहीं थी. मातोश्री से बाहर निकलने के बाद मुझे राज ठाकरे का फोन आया. उन्होंने कहा ऐसी भूमिका है कि उद्धव साहब ने 7 जुलाई को मोर्चा निकालने की बात कही है और मैं 6 जुलाई को निकाल रहा हूं. यह ठीक नहीं लग रहा कि मराठी भाषा को लेकर अलग-अलग मोर्चा निकले. अगर आंदोलन एक साथ किया गया तो इसका ज्यादा असर पड़ेगा और मराठी भाषा के लोगों को भी अच्छा लगेगा.
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