गोरखपुर। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनाया जाएगा। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से हॉस्टल बनाने का ऑफर मिलने के बाद प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। विश्वविद्यालय को हॉस्टल के लिए प्रस्ताव एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क) में रैंकिंग के चलते मिला है। इसमें विवि की एनआइआरएफ रैंकिंग 182 है और मंत्रालय ने 245 रैंक तक के विवि को यह प्रस्ताव भेजा है। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के आचार्य प्रो. गोविंद पांडेय ने बताया कि प्रस्ताव लगभग बनकर तैयार है। प्रस्ताव के मुताबिक 228 बेड का हॉस्टल बनेगा जिसके निर्माण में करीब 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हॉस्टल के सभी कमरों के साथ एक शौचालय भी अटैच होगा। एक कमरे में तीन छात्रों के रहने की व्यवस्था होगी। भवन तीन मंजिला बनाया जाएगा। भवन को भूकंपरोधी बनाए जाने की भी योजना है। विवि में विभिन्न पाठ्यक्रमों में कुल 4837 छात्र पढ़ते हैं। उनमें करीब 800 छात्र अनुसूचित जाति के हैं। कई और पाठ्यक्रम भी भविष्य में शुरू होंगे जिससे हॉस्टल की उपयोगिता बढ़ जाएगी। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि विवि को एनआईआरएफ में रैंकिंग बेहतर होने का फायदा मिला है। हॉस्टल बनने से अनुसूचित जाति के छात्रों को रिहाइश की बेहतर सुविधा दी जा सकेगा। प्रस्ताव लगभग तैयार हो गया है। जल्द उसे मंत्रालय को भेजा जाएगा। धन स्वीकृत होते ही कार्यदायी संस्था तय करके कार्य शुरू करा दिया जाएगा।