Varanasi: किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि पशुओं के लिए कभी एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध होगी. संवेदनशील योगी सरकार द्वारा पशुओं के इलाज़ के लिए शुरू की गई एम्बुलेंस सेवा संजीवनी साबित हो रही है. टोल फ्री 1962 मोबाइल वेटनरी यूनिट से बेजुबान जानवरों की जान बचाई जा रही है. पशुपालक घर बैठे अपने पशुओं का इलाज करवा सकें, इसके लिए अप्रैल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोबाइल वेटनर यूनिट की शुरुआत की थी. पांच महीनो में 2633 से अधिक पशुओं का इलाज मोबाइल वेटनरी यूनिट कर चुकी है.
पशुपालकों के लिए मददगार साबित हो रहा टोल फ्री नम्बर
टोल फ्री 1962 मोबाइल वेटनरी यूनिट पशुपालकों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है. अब पशु प्रेमियों को अपने पशुओं को लेकर वेटनरी अस्पताल नहीं जाना पड़ता है, बल्कि अस्पताल ख़ुद घर चल कर आ रहा है. इस सेवा के सार्थक परिणाम भी दिखने लगे हैं. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी वी.के. सिंह ने बताया कि वाराणसी में इस सेवा के शुरू होने से लेकर अब तक 1164 गांवों में 2633 से अधिक पशुओं का इलाज मोबाइल वेटनरी यूनिट द्वारा किया जा चुका है. प्रत्येक दिन औसतन पशुपालको 14 से 17 फ़ोन कॉल आ जाते हैं.
वाराणसी में 2 एम्बुलेंस इमरजेंसी व 24 रूटीन इलाज के लिए रखी गई
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वाराणसी में 6 एम्बुलेंस सेवा दे रही है, जिसमें 2 इमरजेंसी सेवा और 4 एम्बुलेंस रूटीन इलाज के लिए रखी गई है. ये चार पशु एम्बुलेंस जिन क्षेत्रों में पशु अस्पताल नहीं है या दूर है, वहाँ पहले से निर्धारित रूट पर प्रत्येक एंबुलेंस रोजाना तीन ग्राम सभा को कवर करती है, इस तरह 4 एम्बुलेंस प्रत्येक दिन 12 ग्राम सभा में पशुओं का इलाज कर रही है.
प्रत्येक पशु एम्बुलेंस में एक डॉक्टर ,एक मल्टी टास्किंग सहायक की तैनाती है. जो हर कॉल पर तत्काल पशुपालकों के घरों तक पहुंच कर बेजुबान जानवरों का इलाज़ कर रहा है. एम्बुलेंस में जरूरी दवाएं उपलब्ध रहती हैं. पूर्व में कई कठिनाइयों के चलते पशुपालक अपने पशुओं को लेकर वेटनरी अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते थे, जिससे पशुओं की मौत तक हो जाती थी. योगी सरकार की निःशुल्क मोबाइल वेटनरी यूनिट पशुओं और पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है.