Varanasi: दशकों से राजनीतिक पार्टियों के उपेक्षा का शिकार रही काशी ने 6 सालों में गढ़े विकास के नए आयाम

Varanasi: धर्म,संस्कृति और आध्यात्म के विषय में दुनिया को मार्गदर्शन देने वाली काशी अब देश-दुनिया को विकास की राह भी दिखा रही है। विकास के क्षेत्र में ‘बनारस ब्रांड’ की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है। किसी शहर की मूलभूत सुविधाएं उस शहर की रीढ़ होती हैं, जिससे नए उद्योग लगते हैं। व्यापार पनपता है, रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठता है। काशी के विकास की कवायद 2014 मे शुरू हुई थी, लेकिन विकास को रफ़्तार मिली 2017 में जब उत्तर प्रदेश मे योगी की सरकार ने सत्ता संभाली। शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के साथ ही शहर का विस्तार और विकास का सिलसिला शुरू हुआ। पर्यटकों के रिकॉर्ड तोड़ आमद का कीर्तिमान,उद्योग,आधुनिकता,कानून व्यवस्था आदि ने काशी के विकास पर मोहर लगा दी है।

इन कार्यों ने वाराणसी की बदली सूरत

2017 के बाद उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश में विकास की कई इबारतें लिखना शुरू किया। जिसका आधार वाराणसी का विकास मॉडल बन रहा है। दशकों से राजनीतिक पार्टियों के उपेक्षा का शिकार रही काशी ने 6 सालो में विकास के नए आयाम गढ़े हैं। मूलभूत सुविधाओं से लेकर सड़क,पानी और राजनीतिक इच्छा शक्ति के जरिये बिजली के तारों के जंजाल को अंडर ग्राउंड किया गया। तब विकास की किरणे पूर्वांचल में फैलने लगी। सनातन धर्म की पहचान श्री काशी विश्वनाथ धाम का रानी अहिल्याबाई होलकर के सैकड़ों सालों बाद मोदी-योगी सरकार ने जीर्णोद्धार कराया,जिसकी भव्यता पूरी दुनिया देख रही है।

रिंग रोड,राष्ट्रीय राजमार्ग,गंगा की निर्मलता व अविरलता के लिए कई एसटीपी प्लांट,कैंसर व अन्य स्पेशयलिटी अस्पताल,क्रूज़,घाटों की सफाई और पुनरुद्धार,अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेण्टर “रुद्राक्ष”, पेरिशेबल कार्गो,पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति के लिए अमूल का बनास और पराग डेयरी, सब्जियों और फलों के निर्यातक के लिए पैक हाउस,पीएम के गोद लिए हुए गांवों का कायाकल्प,खिड़किया घाट,फ्लाई ओवर का जाल,सड़कों का चौड़ीकरण,कई पार्किंग स्थल,पार्क,कुंड और बनारस की पहचान गलियों का पुनर्विकास,ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों व अन्य सरकारी अस्पतलों में सुधार,पंचक्रोशी मार्ग का सुगम व सुविधायुक्त,टीएफसी,लाइट एंड लेजर शो,नीर निर्मल परियोजना,श्री गुरु रविदास जी की जन्म स्थली का विकास,शहर में सीवर जीर्णोद्धार,पुलिस और चिकित्सकों के लिए आवास का निर्माण,अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्था,पर्यावरण संरक्षण के लिए सीएनजी स्टेशन और इलेक्ट्रिक बसें। घरो तक पीएनजी गैस आदि बहुत से रोज़गार परक विकास के कार्य हुए।

प्रस्तावित हैं ये बड़े कार्य,जिनपर टिकी हैं सबकी निगाहें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुशल शिल्पी की तरह काशी को तराशा है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त नमो घाट, शहर को जाम से मुक्ति दिलाती कई आधुनिक पार्किंग,एडवांस सर्विलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर,शहर के चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी का जाल, आज़ादी के पहले के स्कूलों का कायाकल्प वाराणसी में पहले ही हो चुका है। वहीं अब देश का पहला और दुनिया के तीसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट योजना रोप वे शहर में यातायात की समस्या से 2024 से मुक्ति दिलाएगी,वहीं सी प्लेन की योजना भी पर्यटन को नई ऊंचाई देगी।

सम्पूर्णानन्द स्टेडियम का अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार निर्माण,अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इंटरनेशनल खेलों के आयोजन का मौका देगी। इसके अलावा वाराणसी से बिहार को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राजघाट पुल के पास प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज पर सबकी निगाहें टीकी हैं। मोदी-योगी की सरकार ने वाराणसी में विकास की आंधी बहाकर जनता को ये भी सन्देश देने में सफल रहे हैं कि यदि राजनीतिक दृढ़ इच्छा हो तो बिना भेद-भाव के विकास का मार्ग तैयार किया जा सकता है। इसपर चल कर युवाओं के लिए रोजगार का सृजन होता है। अपने ही घरों में रोजगार के अवसर मिलते हैं।

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