XPoSat: नववर्ष के पहले दिन ही यानी 1 जनवरी को ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) PSLV-C58-XPoSat मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. इससे पहले आज यानी 31 दिसंबर को इसरो ने एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट लॉन्च का लाइव स्ट्रीमिंग डिटेल साझा किया है. बता दें कि XPoSat का पूरा नाम एक्स-रे पोलरिमेट्री सैटेलाइट है. इसकी लॉन्चिंग के लिए इसरो पूरी तरह से तैयार है.
पीएसएलवी-सी58/एक्सपोसैट (XPoSat) मिशन के लॉन्च से पहले इसरो वैज्ञानिक अमित कुमार पात्रा, विक्टर जोसेफ, यशोदा, श्रीनिवास तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर दर्शन करने पहुंचे. एक्सपोसैट एक जनवरी 2024 को सुबह 9:10 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा. इसे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा.
XPoSat: क्या है एक्सपोसैट सैटेलाइट
एक्सपोसैट इसरो का पहला उपग्रह है जो आकाशीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन के अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अनुसंधान कर सकेगा. यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी की निचली कक्षा में दो वैज्ञानिक पेलोड ले जाएगा. यह मिशन देश का पहला समर्पित पोलारिमीटर मिशन है. यह चमकीले तारों का भी अध्ययन करेगा. इससे न्यूट्रॉन स्टार्स, पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनरिज, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लि और नॉन-थर्मल सुपरनोवा के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करने में मदद मिलेगी.
XPoSat: इसरो के इस मिशन का उद्देश्य
- पोलिक्स पेलोड द्वारा थॉमसन स्कैटरिंग के जरिए लगभग 50 संभावित ब्रह्मांडीय स्रोतों से निकलने वाले ऊर्जा बैंड 8-30keV में एक्स-रे के ध्रुवीकरण को मापना
- एक्सस्पेक्ट पेलोड द्वारा ऊर्जा बैंड 0.8-15keV में ब्रह्मांडीय एक्स-रे स्रोतों का दीर्घकालिक वर्णक्रमीय और अस्थायी स्टडी करना.
- सामान्य ऊर्जा बैंड में क्रमशः पोलिक्स और एक्सस्पेक्ट पेलोड द्वारा ब्रह्मांडीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का ध्रुवीकरण और स्पेक्ट्रोस्कोपिक माप करना.
अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, भारत में इमेजिंग और टाइम डोमेन अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंतरिक्ष-आधारित एक्स-रे खगोल विज्ञान स्थापित किया गया है. सोमवार का दिन वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन हैं.
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