UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर निर्णायक कार्रवाई शुरू कर दी गई है. यूपी के एक मंडलायुक्त ने राज्य सरकार को डिटेंशन सेंटर का हाई-टेक डेमो मॉडल भेजा है, जिसमें सुरक्षा के कड़े और आधुनिक इंतजाम शामिल किए गए हैं.
डेमो के मुताबिक डिटेंशन सेंटर में बायोमेट्रिक सिस्टम, फेस रिकॉग्निशन, थंब इम्प्रेशन और 24×7 सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था होगी. प्रवेश के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा कवच होगा और केवल अधिकृत व्यक्ति ही कंट्रोल रूम से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद अंदर जा सकेंगे.
तीन लेयर की सुरक्षा के इंतजाम
पश्चिमी यूपी के कमिश्नर ने सरकार से सिफारिश की है कि डिटेंशन सेंटर में केंद्रीय सुरक्षा बल के 50 जवानों की तैनाती हो. सिर्फ आधिकारिक व्यक्ति ही त्रिस्तरीय सुरक्षा कवच को पार कर डिटेंशन सेंटर में एंट्री कर सकेगा. पुरुषों और महिलाओं को एक ही डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा.
कितने नगर निकायों में बनाए जाएंगे डिटेंशन सेंटर?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 17 नगर निकायों को निर्देश दिया है कि नगर निकाय क्षेत्रों में रहने वाले रोहिंग्या बांग्लादेशियों की लिस्ट बनाएं. कमिश्नर और आईजी को रोहिंग्या बांग्लादेशियों की लिस्ट सौंपी जाए. इसके बाद पुलिस प्रशासन कानूनी तौर पर एक्शन लेना शुरू कर देगा. कमिश्नर और आईजी को प्रथम चरण में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश दिया गया है. घुसपैठियों की पहचान होते ही इन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा.
अवैध प्रवासियों की पहचान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक जिला प्रशासन अपने क्षेत्र में रहने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करे और नियमों के अनुसार कार्रवाई शुरू करे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिरासत में रखे गए लोगों को स्थापित प्रक्रियाओं के बाद उनके मूल देशों में भेज दिया जाएगा.
इसे भी पढ़ें:-कर्नाटक: जिला कारागार मे दो कैदियों ने जमकर किया हंगामा, जेलर समेत तीन पुलिसकर्मी घायल