वाराणसी। बंगाल और उड़ीसा में चक्रवाती तूफान यास से निपटने के लिए एनडीआरएफ की पांच टीमों को बाबतपुर से पश्चिम बंगाल के प्रभावित तटवर्ती क्षेत्रों के लिए रवाना किया गया है। अंडमान-निकोबार द्वीप व बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब क्षेत्र बनने के कारण चक्रवाती तूफान यास का खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार 25 मई को तूफानी हवा के साथ पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के तटीय क्षेत्रों की और पहुंच रहा है, जो कि इन क्षेत्रों में 25 और 26 तारीख को टकराएगा। जिससे तेज आंधी, तूफान और भीषण बारिश की आशंका है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पश्चिम बंगाल और उड़ीसा राज्य सरकारों ने इस चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीमों की मांग की थी। जिसमें उड़ीसा और बंगाल की एनडीआरएफ की टीमों के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों से टीमों को बुला कर तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है। ताकि किसी भी प्रकार की जान माल की हानि होने से बचाव किया जा सके। इन्हीं परिस्थितियों के चलते कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में वाराणसी से एनडीआरएफ की पांच टीमों को लाल बहादुर शास्त्री, बाबतपुर एयरपोर्ट से भारतीय वायु सेना के मालवाहक विमान द्वारा पश्चिम बंगाल के लिए ले जाया गया। एनडीआरएफ की टीमों को सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता में उतारा गया। वहां से टीमों को सड़क मार्ग से होते हुए पश्चिम बंगाल के संभावित चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि हाल ही में अरब सागर में उठे भीषण चक्रवात ताऊते का समापन ही हुआ था। अब बंगाल की खाड़ी में एक और आपदा आन पड़ी। ताऊते चक्रवात ने कई लोगों की जान भी ली, उसकी भीषणता को देखते हुए एनडीआरएफ की 100 से अधिक टीमों को तैनात किया गया था। वहां से भी टीमों को एयरलिफ्ट किया गया।