आगरा। जिले में सीबीएसई के कुल 135 विद्यालय हैं। इसमें से 12वीं तक 100 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनके विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रोन्नत किया जाएगा। हालांकि परीक्षा न कराए जाने पर स्कूल संचालकों और प्रधानाचार्यों की मिलीजुली प्रतिक्रिया है। यही हाल विद्यार्थियों का भी है, कुछ का कहना है कि परीक्षा होनी चाहिए थी, वहीं कुछ इसे अच्छा निर्णय बता रहे हैं। आरसीएस मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निदेशक विकास भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार ने विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया है। प्री बोर्ड, अर्द्धवार्षिक परीक्षा के आधार पर अंक प्रदान किए जाने चाहिए। कोई विद्यार्थी प्राप्तांक से संतुष्ट न हो तो ओएमआर आधारित परीक्षा कराई जा सकती है। सीबीएसई के शहर समन्वयक ने बताया कि रामानंद चौहान ने कहा कि 12वीं की परीक्षाएं होनी चाहिए थी, विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ा मामला था। सरकार ने विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं न कराने का निर्णय लिया है। परीक्षा के बजाय स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है। जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य पुनीत वशिष्ठ ने बताया कि परिस्थितियों को देखते हुए 12वीं की परीक्षा निरस्त का निर्णय स्वागत के योग्य है। कई विद्यार्थियों के परिवार में कोरोना संक्रमण की वजह से मौत भी हो चुकी है, ऐसे विद्यार्थियों की मानसिक दशा परीक्षा देने लायक नहीं है।