गोंडा। कोरोना काल में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में कार्य रही आशाओं का मानदेय न दिए जाने से नाराज डीएम ने मानदेय भुगतान से जुड़े सभी अधिकारियों का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है। कोविड-19 प्रबंधन की समीक्षा बैठक में तथ्य संज्ञान में आया कि विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत आशाओं को देय मानदेय का भुगतान विगत तीन माह से नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त कोविड-19 में उनके द्वारा किए जा रहे कार्य के एवज में एक हजार रुपये प्रतिमाह की दर से भी मानदेय नहीं दिया गया है। मंगलवार को डीएम ने आशाओं का अनुमन्य मानदेय का भुगतान न किए जाने के बारे में सीएमओ एवं संबंधित एसीएमओ से जवाब-तलब किया। कोई संतोषजनक कारण स्पष्ट नहीं बता सके। जिलाधिकारी ने कहा कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अधीनस्थ फील्ड कर्मियों के देयकों का समय से भुगतान सुनिश्चित न किए जाने से कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव होना स्वाभाविक है। आदेश दिए हैं कि आशाओं एवं एएनएम के बकाया मानदेय/वेतन का भुगतान होने तक जिला लेखा प्रबंधक (मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय) समेत अन्य संबंधित अधिकारियों एवं अधिष्ठान लिपिक का वेतन आहरित नहीं किया जाएगा। आशाओं को देय मानदेय का भुगतान न किए जाने के बारे में दोषी का स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी टिप्पणी के साथ रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। डीएम ने सीएमओ को लंबित देयों का भुगतान एक सप्ताह में कराने व भविष्य में इस स्थिति की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं।