लखनऊ। राज्य विश्वविद्यालयों में स्नातक में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम चालू शैक्षिक सत्र 2021-22 से ही लागू होगा। इसके तहत विश्वविद्यालयों को कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय में स्नातक के 70 फीसदी पाठ्यक्रम समान रखने होंगे। हालांकि शेष 30 फीसदी पाठ्यक्रम विवि खुद तय कर सकेंगे। जबकि स्नातक (शोध), स्नातकोतर और पीएचडी में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2022-23 से लागू किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। साथ ही सभी राज्य विश्वविद्यालयों को चालू शैक्षिक सत्र से इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। एक वर्ष के सर्टिफिकेट, दो वर्ष के डिप्लोमा, तीन वर्ष के स्नातक डिग्री, चार वर्ष के स्नातक (शोध सहित) डिग्री, पांच वर्ष के स्नातकोतर डिग्री, दो साल के स्नातकोतर डिग्री और पीएचडी में समान पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2021 के तहत एक महीने में प्रवेश नियमावली, प्रक्रिया और समयसारिणी तय करने के निर्देश दिए हैं। जिससे विद्यार्थी प्रवेश के समय अपने विषयों का चयन में कोई परेशानी न हो।