वाराणसी। वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री पाठ्यक्रम चार वर्षीय होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार, अगले सत्र से शास्त्री में सेमेस्टर प्रणाली लागू कर दी जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अनुसार शास्त्री के पाठ्यक्रम को अपडेट किया जा रहा है। तीन वर्षीय शास्त्री का पाठ्यक्रम भी साथ-साथ चलेगा। खास बात यह है कि विद्यार्थियों को इसमें से किसी एक विकल्प को चयनित करना होगा। चार साल का पूरा कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को एक वर्ष में आचार्य (स्नातकोत्तर) की डिग्री हासिल करने की सुविधा होगी। वहीं यह विद्यार्थी शोध के लिए भी अर्ह माने जाएंगे। शास्त्री के न्यूनतम समान पाठ्यक्रम के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है। यही समिति भी नई नीति के अनुसार चार वर्षीय शास्त्री पाठ्यक्रम तैयार कर रही है। प्रवेश समिति की बैठक में पाठ्यक्रम की रूपरेखा रखी गई और इस पर सहमति भी बन गई है। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार नई शिक्षा नीति व न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को वर्तमान सत्र से लागू करने की तैयारियां चल रही हैं। इस दिशा में पहल भी शुरू कर दी गई है।