गोरखपुर। गोरखपुर में कोरोना के संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। अगस्त माह में जिले के छह से 18 वर्ष से करीब 12 लाख बच्चों को कोविड टीकाकरण का तोहफा मिल सकता है। विभाग इसकी रुपरेखा तैयार करने में जुट गया है। जिस तरह से मौजूदा समय में बूथों पर कोविड टीकाकरण के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। उसे देखते हुए विभाग बच्चों के लिए स्पेशल बूथ बनाने की तैयारी में है, जिससे की बच्चों को टीका के लिए परेशान न होना पड़े। जानकारी के मुताबिक कोविड की संभावित तीसरी लहर में विशेषज्ञ बच्चों को ज्यादा खतरा बता रहे हैं। इसकी वजह यह है कि अब तक बच्चों के लिए कोविड का कोई टीका नहीं आया है। लेकिन इस बीच बच्चों के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद विभाग बच्चों के टीकाकरण को लेकर गंभीर हो गया है। सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि मौजूदा समय में सभी बूथों पर कोविड का टीका लगवाने के लिए जबरदस्त भीड़ हो रही है। इस बीच उम्मीद है कि अगस्त माह में बच्चों के लिए टीका भी आ जाए। इसे देखते हुए बच्चों के लिए अलग बूथ बनाएं जाने पर विचार चल रहा है। क्योंकि बच्चों के बूथ पर उनके साथ अभिभावक भी रहेंगे, ऐसी स्थिति में सामान्य बूथों पर ज्यादा भीड़ होगी। बच्चों के लिए स्पेशल इंजेक्शन रहेंगे। उन्हें टीका हाथों में लगेगा या फिर पैरों में। अब तक इसकी जानकारी नहीं दी गई है। जिले में 0 से पांच वर्ष के करीब छह लाख बच्चे हैं। इन बच्चों के लिए अब तक कोई भी टीका कोविड का नहीं आया है। जबकि छह से 18 वर्ष के 12 लाख के आसपास बच्चे हैं। इन बच्चों के लिए टीके की मंजूरी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मिल गई है। इनमें कोवैक्सीन के डोज शामिल हैं। इसका ट्रॉयल भी हो चुका है। कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण का शिकार बच्चे भी हुए हैं। जिले के करीब 1600 से अधिक बच्चे संक्रमण की चपेट में आए हैं। इनमें केवल आठ बच्चों की मौत हुई है। जबकि 99 प्रतिशत बच्चों ने कोरोना से जंग जीत ली है। इसके अलावा सीरो सर्वे में भी यह बात सामने आ चुकी है कि जिले के 81 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी बनी है। इसमें बच्चे भी शामिल हैं।