आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा में नकल पर अंकुश लगाने के लिए विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. आलोक कुमार मित्तल की ओर से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। विश्वविद्यालय के नियमानुसार आवेदन करने वाले उन्हीं कॉलेजों को स्थायी मान्यता दी जाएगी, जो नकल विहीन परीक्षाएं करा रहे हैं। प्रो. आलोक कुमार राय के मुताबिक स्थायी मान्यता के लिए आवेदन करते समय कॉलेजों को एक प्रमाणपत्र देना होता है, इसमें बताना होता हैै कि गत तीन वर्षों की मुख्य परीक्षाएं उनके यहां नकल विहीन संपन्न हुई हैं। यह प्रमाणपत्र विश्वविद्यालय के अधिकारियों की ओर से प्रमाणित किया जाता है। प्रमाणपत्र का सत्यापन उड़नदस्तों की ओर से दी जा रही रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा। यदि कोई कॉलेज में नकल में शामिल होने के बाद भी स्थायी मान्यता के लिए आवेदन करता है तो उसे मान्यता नहीं दी जाएगी।