भगवान शिव का रूद्राभिषेक करने से पूरी होती है मन्नत

मेरठ। सावन मास में सोमवार का बड़ा महत्व है। आज सावन का दूसरा सोमवार है। यह स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। अधिकतर लोग इस दिन उपवास रखकर शिवजी की आराधना करते हैं। वहीं जलाभिषेक करने से मन्नत पूरी होती है। इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रो साइंस के आचार्य कौशल वत्स ने बताया कि इस दिन तिथि नवमी और कृतिका नक्षत्र रहेगा। सोमवार को चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर करेगा। जहां राहु पहले से ही विराजमान है। सोमवार के देवता चंद्र और कृतिका नक्षत्र के देवता अग्नि देव है। कृतिका नक्षत्र का स्वामी सूर्य व राशि शुक्र है। इस नक्षत्र के लोगों पर सूर्य का प्रभाव होता है। इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य और राशि के स्वामी शुक्र 2 अगस्त को कर्क राशि में बुध ग्रह के साथ बुधादित्य योग बना रहे हैं। वहीं शुक्र सिंह राशि में मंगल के साथ युति बना रहे हैं। कृतिका का नाम भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय से जुड़ा हुआ है। नवमी तिथि की देवी दुर्गा हैं। इस तिथि में माता दुर्गा की पूजा करने से मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है तथा हर क्षेत्र में सदा विजयी प्राप्त करता है। जल से रुद्राभिषेक करने पर वृष्टि, कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग, दु:ख से छुटकारा मिलता है। दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है। गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी प्राप्ति होती है। मधु युक्त जल से अभिषेक करने पर धन वृद्धि होती है। तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है। दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति, प्रमेह रोग की शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गंगाजल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है। दूध शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से सद्बुद्धि प्राप्त होती है। घी से अभिषेक करने से वंश विस्तार होता है। सरसों के तेल से अभिषेक करने से रोग तथा शत्रु का नाश होता है।

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