वाराणसी में खतरे के निशान से सिर्फ 12 सेमी नीचे बह रही है गंगा

वाराणसी। बनारस में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर से महज 12 सेमी ही नीचे है। जलस्तर बढ़ने के कारण जहां शहरी कॉलोनियों में पानी घुसने लगा है, वहीं गलियों में भी नाव चलनी शुरू हो गई हैं। अस्सी-नगवां मुख्य मार्ग पर गंगा का पानी चढ़ने से रास्ता बंद कर दिया गया है। घाट से जुड़ी गलियों में बाढ़ का पानी चढ़ने से नौका संचालन किया जा रहा है। वरुणा पार इलाके में दुश्वारियां बढ़ने से तेजी से पलायन हो रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर शाम को सात बजे 71.14 मीटर दर्ज किया गया। रविवार की सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.96 मीटर पर था। 11 बजे गंगा का जलस्तर 70.98 मीटर पहुंच गया। 12 बजे से गंगा में दो सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ोतरी होने लगी और शाम सात बजे तक जलस्तर 71.14 मीटर तक पहुंच गया। आयोग के बुलेटिन के अनुसार यही रफ्तार रही तो सोमवार की सुबह तक गंगा खतरे का निशान पार कर जाएंगी। केंद्रीय जल आयोग के पूर्वानुमान के अनुसार, सोमवार की सुबह गंगा का जलस्तर 71.22 मीटर होने की आशंका है। जलस्तर बढ़ने से गंगा का पानी अब सड़कों पर पहुंच गया है। जल पुलिस ने बताया कि गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगा में निगरानी बढ़ा दी गई है। दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, मणिकर्णिका घाट की गलियों में नाव चल रही है। अस्सी चौराहे पर ही भेलूपुर पुलिस के तरफ से बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया गया है। साथ ही नगवां के तरफ से आने वाले रास्ते पर भी पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग कर दी गई है। गंगा में बढ़ते जलस्तर से सामनेघाट की कॉलोनियों के लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। रविवार शाम तक मदरवा, मारुति नगर में पानी घुसने से सैकड़ों लोग प्रभावित हो चुके हैं। गलियों में घुटने से ऊपर पानी भरने से लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। नगवां नाले में भी पानी तेज गति से बढ़ने लगा है। यहां रहने वाले लोग परिवार को गांव या रिश्तेदारों के घर भेज रहे हैं। लोगों ने बाढ़ आने की दशा में पुलिस कर्मियों या एनडीआरएफ के जवानों से गश्त कराने की मांग की है। पानी बढ़ने से रमना गांव में सैकड़ों बीघा से अधिक सब्जी की सफल डूब गई है।

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